आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के डॉक्टरों से बातचीत की। अमित शाह ने कहा कि कार्यस्थलों पर डाक्टरों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सरकार उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने डाक्टरों से अपने प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की अपील की जिसके बाद आइएमए ने इसे वापस ले लिया। शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार उनके साथ है।
बैठक के दौरान गृहमंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में डॉक्टरों के योगदान की सराहना की। साथ ही उन्हें सुरक्षा का भरोसा भी दिया। बाद में शाह ने ट्वीट कर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मैंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डाक्टरों और आइएमए के प्रतिनिधियों से बातचीत की। जिस तरह से इस संकट के समय में हमारे डाक्टर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। मैं हर भारतीय से अपील करता हूं कि कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में डाक्टरों के साथ सहयोग करें।
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गृहमंत्री की डाक्टरों के साथ यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब आइएमए ने डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया था। आइएमए ने कहा था कि सरकार को सुरक्षित कार्यस्थलों के लिए हमारी वैध जरूरतों को पूरा करना होगा। चिकित्साकर्मियों के साथ हो रही हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश के लिए व्हाइट अलर्ट भी जारी किया था। आइएमए ने सभी डॉक्टरों और अस्पतालों से 22 अप्रैल को रात नौ बजे एक मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध जाहिर करने के लिए कहा, साथ में केंद्र सरकार को काला दिवस मनाने की चेतावनी भी दी थी।
आइएमए ने कहा था कि अगर सरकार व्हाइट अलर्ट के बाद भी डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा पर केंद्रीय कानून लागू करने में विफल रहती है तो आइएमए 23 अप्रैल को काला दिवस घोषित करेगा। देश के सभी डॉक्टर काली पट्टी लगाकर काम करेंगे।