आरयू वेब टीम।
राष्ट्रपति भवन में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह नन्हा पौधा आप सभी के सम्मिलित प्रयास और प्रतिबद्धता के बिना रोपा ही नहीं जा सकता था, इसलिए मैं फ्रांस का और आप सबका बहुत आभारी हूं। इस कार्यक्रम में 23 राष्ट्राध्यक्ष और विभिन्न देशों के 10 मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
उन्होंने ने सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए रियायती और कम जोखिम वाला कर्ज उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए देश में 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन को 175 गीगावॉट तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई। मोदी ने कहा कि भारत में वेदों ने हजारो साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है।
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भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है। आज जब हम क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं तो हमे प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है।
मोदी ने कहा कि हम 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा से 175 जीडब्लू बिजली उत्पन्न करेंगे, जिसमें से 100 जीडब्लू बिजली सौर से होगी। हमने इसमे से 20 जीडब्लू स्थापित सौर ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लिया है। सोलर एनर्जी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी की उपलब्धता और विकास, आर्थिक संसाधन, कीमतों में कमी, स्टोरेज टेक्नोलॉजी का विकास, जन निर्माण और इनोवेशन के लिए पूरा ईको सिस्टम जरूरी है।
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