आरयू वेब टीम। जम्मू कश्मीर में मुस्लिम लीग पर प्रतिबंध के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन को गैरकानूनी घोषित कर उस पर रविवार को प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने यूएपीए के तहत ये कार्रवाई की है। इस संगठन के ऊपर जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद, आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप है। तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर का एक अलगाववादी राजनीतिक दल था, जिसकी स्थापना अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने की थी।
इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ऐलान करते हुए कहा कि कश्मीरी अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर (टीईएच) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की गतिविधियों में शामिल है।
साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां को जारी रखे हुए है। आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत खत्म कर दिया जाएगा।
मालूम हो कि तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर की स्थापना सात अगस्त 2004 को अलगाववादी नेता गिलानी ने अपनी पूर्व पार्टी जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ने के बाद की थी। 2003 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में विभाजन के बाद पार्टी के गठन के बाद से सैयद अली शाह गिलानी 15 साल तक अध्यक्ष पद पर रहे। 2019 में गिलानी के पद छोड़ने के बाद मोहम्मद अशरफ सेहराई अध्यक्ष बने।
अशरफ सहराई की साल 2021 में कोविड से मौत हो गई। ये गुट जमात-ए-इस्लामी विचारधारा को समर्थन करता है, जोकि केंद्र द्वारा 2019 में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के समर्थन, फंडिंग जैसे आरोपों के चलते यूएपीए के तहत प्रतिबंधित घोषित किया गया था।
यह भी पढ़ें- अमित शाह ने UAPA के तहत मुस्लिम लीग को किया गैरकानूनी घोषित
इससे पहले बुधवार (27 दिसंबर) को केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया था। सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत की थी। संगठन पर आरोप है कि उसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे। इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए दी थी।