लोकतंत्र, आर्थिक प्रगति व विश्‍व शांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर आतंकवाद: अमित शाह

सबसे बड़ा नासूर
कार्यक्रम को संबोधित करते अमित शाह।

आरयू वेब टीम। गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के समापन सत्र पर कहा कि आतंकवाद ने आज एक ऐसा विकराल रूप धारण किया है, जिसका प्रभाव हर स्तर पर ​हमें दिखाई पड़ता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र, मानव अधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के खिलाफ आतंकवाद सबसे बड़ा नासूर है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इसे हमें जीतने नहीं देना है।

गृह मंत्री ने कहा कि हम आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एक प्रभावी दीर्घकालिक और ठोस लड़ाई के बिना, भयमुक्त समाज और भयमुक्त दुनिया का अस्तित्व सोच ही नहीं सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि हमें आतंकवाद और आतंकी गुटों के खिलाफ भौगोलिक क्षेत्र और वर्चुअल में लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कुछ संगठन राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। ये संगठन आतंकवाद का वित्त पोषण भी कर रहे हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि अभी हाल में ही सामाजिक गतिविधि की आड़ में युवाओं को कट्टरपंथ बनाकर और उन्हें आतंक की तरफ धकेलने की साजिश करने वाली एक संस्था को बैन किया है। शाह ने कहा कि मेरा मानना है कि हर देश को ऐसी संस्था को चिन्हित कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए। इससे पहले भी उन्होंने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए शुक्रवार को कहा था कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए।

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वहीं, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी आज ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन को संबोधित किया। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर सत्र में बात की। हाल के वर्षों में आतंकवादी खतरे के बढ़ते दायरे, पैमाने और तीव्रता के कारणों पर प्रकाश डाला गया। जयशंकर ने कहा कि भारत, समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ, उन मौजूदा खतरों को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध और ऊर्जावान बना रहेगा जो आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए उत्पन्न करता है।

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