आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को अपने 63वें जन्मदिन के मौके पर माल एवेन्यू रोड स्थित बसपा कार्यालय में मीडिया से मुलाकात की। हाल ही में सपा से गठबंधन करने वाली मायावती ने आज बसपा के साथ ही सपा कार्यकर्ताओं से मीडिया के जरिए एक महत्वूपर्ण अपील की।
मायावती ने गठबंधन को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए दोनों पार्टियों के नेता व कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वो पुरानी बातों को भुलाकर गठबंधन के प्रत्याशी को जीत दिलाने की तैयारी में लग जाए, और उन्हें भी जीत का तोहफा दें। वहीं प्रेसवार्ता के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मायावती के आवास पर पहुंचकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।
प्रेसवार्ता के दौरान सूबे की पूर्व सीएम ने बीते सालभर की पार्टी की गतिविधियों पर खुद के द्वारा लिखी गई किताब ‘ब्लू बुक-मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का परंपरागत तौर पर विमोचन किया। ब्लू बुक का यह 14 वां संस्करण है। यह किताब हिंदी के साथ ही अंग्रेजी भाषा में भी लिखी गयी है।
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वहीं मायावती ने आज एक बार फिर मोदी और योगी सरकार की नीतियों के साथ ही भाजपा और आरएसएस पर भी जमकर हमला बोला, साथ ही कांग्रेस को भी निशाने पर लेते हुए कर्जमाफी के वादे पर भी ऊंगली उठाई। उन्होंने कहा कि किसानों का पूरा कर्ज माफ होना चाहिए।
मायावती ने ये भी कहा कि कहा कि मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया है। हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन देश के गरीब मुसलमानों को भी आरक्षण दिये जाने की जरूरत है।
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गठबंधन के बारे में बात करते हुए बसपा अध्यक्ष बोलीं गठबंधन देशहित में किया गया है। इससे विरोधियों की नींद उड़ी हुई है। बीजेपी पर बात करते हुए बोलीं कि इनकी सरकार जनता से वादाखिलाफी करने वाली आहंकारी सरकार है। भाजपा की सरकारों में दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, युवा, किसान व व्यापारी समेत हर वर्ग परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी के नुकसान भी मायावती ने इस दौरान गिनाएं।
प्रधानमंत्री की बात पर मायावती ने कहा कि इसका फैसला जनता करेगी, हालांकि उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि पीएम की रेस में वो खुद भी शामिल हैं।