आरयू ब्यूरो, लखनऊ। झारखंड व असम के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी का शनिवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में निधन हो गया है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इलाज करा रहे सैयद सिब्ते रजी ने ट्रामा सेंटर में अंतिम सांस ली।
झारखण्ड तथा असम के राज्यपाल रहे कांग्रेस के नेता सैयद सिब्ते रजी को बीते दिनों किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था। उनके परिवारीजन ने फोन पर उनके निधन की जानकारी दी। पुराने कांग्रेसी नेता सैयद सिब्ते रजी को गांधी परिवार का विश्वसनीय माना जाता था।
कांग्रेस से जुड़े सैयद सिब्ते रजी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में सात मार्च 1939 को जन्मे थे। रजी ने 20 अगस्त 2022 को अंतिम सांस ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 78वीं जयंती पर उनका निधन हुआ है। उन्होंने रायबरेली के हुसेनाबाद हायर सेकेण्डरी स्कूल से दसवीं करने के बाद शिया कालेज में प्रवेश लिया। वह छात्र राजनीति में उतरे और पढाई के साथ जेब खर्च निकालने के कई होटल में अकाउंट का काम भी देखते थे।
उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकाम किया था। सैयद सिब्ते रजी 1969 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद 1971 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने। दो वर्ष तक यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहने के बाद 1980 से 1985 तक राज्य सभा सदस्य रहे। वह 1980 से 1984 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे। उनको कांग्रेस ने दूसरी बार 1988 से 1992 तक तथा तीसरी बार 1992 से 1998 तक राज्य सभा का सदस्य बनाया। उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए राज्यपाल भी बनाया गया।
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झारखंड के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान मार्च 2005 में उन्होंने सरकार में एनडीए के सदस्यों की संख्या की अनदेखी की झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया। इसकी शिकायत मिलते ही तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने हस्तक्षेप किया और राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के निर्णय को बदला गया। इसके बाद राज्यपाल सैयद सिब्जे रजी ने एनडीए के अर्जुन मुंडा को 13 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।