आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जिस बसंत कुंज योजना में लखनऊ विकास प्राधिकरण के छोटे से बड़े अधिकारी-इंजीनियर पिछले दिनों रात-दिन कैंप किए हुए थे। वहीं ठेकेदारों के काम की स्पीड बेहद कम मिलने की बात गुरुवार को सामने आयी है। काम में लापरवाही का आरोप लगा एलडीए ने चार ठेकेदारों पर न सिर्फ एक लाख से पांच लाख तक का जुर्माना लगाया है, बल्कि आरसीसी नाले निर्माण के एक टेंडर को भी कैंसिल करते हुए उससे जुड़ी फर्म तक को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी की इस कार्रवाई से ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है।
इन फर्म पर लगा जुर्माना-
बसंत कुंज में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का निर्माण कर रही बाबे इंफ्राटेक पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी पर आरोप है कि इंजीनियरों के कई बार निर्देश देने के बाद भी काम की स्पीड नहीं बढ़ाई गयी, जबकि होली बाद मुख्य सचिव का प्रेरणा स्थल में दौरा भी होना है।
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वहीं बसंत कुंज योजना के सेक्टर जे में सड़कें बनाने वाली शिवांस वेंचर्स पर दो अलग-अलग सड़कों के निर्माण की गति कम मिलने की बात कही गयी है। दोनों ही सड़कों के लिए फर्म पर दो-दो लाख का जुर्माना एलडीए ने लगाया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि फुटपाथ, इंटरलॉकिंग टाइल्स व साइड पटरी ड्रेसिंग का काम जल्द से जल्द पूरा कराया जाए।
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इसी क्रम में बसंत कुंज सेक्टर आइ में बनें प्रधानमंत्री आवासों के बीच सड़क निर्माण कराने वाली गायत्री कंस्ट्रक्शन पर एक लाख का जुर्माना लगा है। जुर्माना लगाने के साथ ही जोन एक व सात के एक्सईएन अजीत कुमार की ओर से फर्म को निर्देश देते हुए कहा गया है कि सड़क निर्माण कार्य नहीं होने के चलते प्रधानमंत्री आवास में रहने वालों को दिक्कत हो रही है, इसलिए जल्द से जल्द काम पूरा कराया जाए।
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इसके अलावा फर्म कटियार इंटरप्राइजेज पर एलडीए अधिकारियों की सबसे ज्यादा गाज गिरी है। बसंतकुंज योजना के सेक्टर आइ में आरसीसी नाले का निर्माण काम शुरू नहीं करने का आरोप लगाते हुए न सिर्फ टेंडर कैंसिल कर दिया गया है, बल्कि काम में देरी पर एक लाख जुर्माना लगाने के साथ ही फर्म को भी काली सूची में डालने की कार्रवाई की गयी है।
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ठेकेदारों में नाराजगी, अफसर बना रहें ओवर प्रेशर!
एलडीए की ओर से की गयी कार्रवाई से कई ठेकेदारों में नाराजगी है। हालांकि कोई खुलकर फिलहाल नहीं बोल रहा। वहीं कार्रवाई के जद में आए एक ठेकेदार ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि जांच के दायरे में चल रहे एलडीए के एक अफसर शासन में अपना नंबर बढ़वाने व कुर्सी बचाने के लिए ठेकेदारों पर ही ओवर प्रेशर बनाते हैं। निर्माण कार्य पूरा होने की तय समय सीमा पूरी नहीं होने के बावजूद कार्रवाई की धमकी दी जाती है, जबकि काम ओवर स्पीड में करने से उसकी गुणवत्ता प्रभावित होने का काफी खतरा रहता है। साथ ही कई बार बिना टेंडर के ही काम करने का भी प्रेशर डाला जाता है।