आरयू ब्यूरो
लखनऊ। कांग्रेस के बाद अब बसपा से भी गठबंधन के संकेत पर आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने अखिलेश यादव को जमकर आड़े हाथ लिया। श्री मौर्या ने कहा कि सपा-कांग्रेस और बसपा के गठबंधन की खिचड़ी इनके हार की हताशा का परिणाम है।
केशव मौर्या ने कहा कि सपा-कांग्रेस और बसपा मिलकर भी उत्तर प्रदेश में भाजपा की बहुमत की सरकार बनने से नहीं रोक सकते। प्रदेश की जनता ने सुशासन और विकास के लिए दिल खोलकर भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार के लिए मतदान किया है।
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शनिवार को भाजपा के पक्ष में जनता का निर्णय सार्वजनिक होने के बाद सपा-कांग्रेस और बसपा के खिचड़ी पकाने का चूल्हा भी बुझ जाएगा।
उन्होंने सपा के साथ ही बसपा शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों ने ही न तो जनता को न्याय दिलाने में सफल हुए और न ही उनकी उम्मीदों को पूरा किया।
सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर कहा कि पहले जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। अब वे इस अनैतिक गठबंधन का दायरा बसपा तक बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन प्रदेश की जनता ने इन दलों के 14 सालों के कुशासन, भ्रष्टाचार, गुंडाराज, ठप विकास के खिलाफ जात-पात से ऊपर उठकर जबरदस्त मतदान कर इन्हें घर बिठा दिया है।
श्री मौर्य ने कहा कि जीत की संभावना नहीं देखते हुए अखिलेश यादव भले ही अपनी बुआ (मायावती) की शरण में जाने की बात कह रहे हो, लेकिन चुनाव से पहले ही जनता को धोखा देने के लिए सपा-कांग्रेस और बसपा एक-दूसरे के साथ मिले हुए थे।
मायावती के शासन में उनके मंत्री घोटालों के सरताज बने तो अखिलेश की सरकार में बसपा का रिकार्ड तोड़ते हुए मंत्री घपले-घोटालों के साथ हत्या और बलात्कार जैसी उपलब्धियां हासिल कीं। जब भतीजे अखिलेश का शासन होता है तो वह बुआ के भ्रष्टाचार में उन्हें बचाते हैं।
जब बसपा शासन में मायावती ने भतीजे के कुनबे के भ्रष्टाचार को जांच के दायरे से दूर करने की पूरी कोशिश की। सपा और बसपा की सांठगांठ ऐसी है कि अखिलेश मायावती के प्रिय भ्रष्टाचार के आरोपी नसीमुद्दीन सिद्दकी और यादव सिंह को क्लीन चिट दिलवाते हैं।