आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर का आज शाम अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं इस बीच सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अलीगढ़ के अतरौली स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह पहुंचकर राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार कल्याण सिंह का अंतिम दर्शन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अमित शाह ने कहा है कि उनके निधन से दबे, कुचले और पिछड़ों ने अपना एक हितचिंतक गंवाया है। शाह ने कहा, ”आज मैं कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए आया हूं। कल्याण सिंह का इस दुनिया से जाना भाजपा की बहुत बड़ी क्षति है।” उन्होंने कहा, ”उनके (कल्याण) जाने के साथ ही भाजपा ने अपना एक दिग्गज और हमेशा संघर्षरत रहने वाला नेता खोया है। देश भर के दबे कुचले और पिछड़ों तथा विशेषकर उप्र के दबे कुचले पिछड़ों ने अपना एक हित चिंतक गंवाया है।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ” राम जन्मभूमि आंदोलन के कल्याण सिंह बड़े नेता रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए सत्ता त्याग करने में तनिक भर भी उन्होंने नहीं सोचा।”
वहीं आज दोपहर में कल्याण सिंह की पार्थिव देह को अलीगढ़ से उनके पैतृक गांव अतरौली ले जाया गया था। गांव में लोग अपने जनप्रिय नेता का अंतिम दर्शन किए। इसके बाद पार्थिव देह को बुलंदशहर के नरौरा लाया गया है। कल्याण सिंह की पार्थिव देह की अंत्येष्टि सोमवार शाम को करीब पांच बजे बुलंदशहर के नरौरा में गंगा नदी के तट पर की जाएगी। प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
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पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए शाह ने कहा, ”जब राम जन्मभूमि का शिलान्यास हुआ तो उसी दिन बाबूजी से बात हुई तो बड़े हर्ष और संतोष से उन्होंने बताया कि आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हुआ। उनका पूरा जीवन विकास और उप्र के लोगों को लिए समर्पित रहा। उप्र को अच्छा प्रदेश बनाने के लिए वह कार्यरत रहे।”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े गरीब तबके से उठकर इतना बड़ा नेता बनना, विचारधारा के लिए संघर्ष करना, समाज के लिए समर्पित रहना, यह सब हम सब भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा की चीजें रहेंगी। उन्होंने कहा कि ”भाजपा के अंदर एक बड़ी रिक्तता निर्मित हुई है और इसे लंबे समय तक भर पाना मुश्किल होगा।”
शाह ने कहा कि ”आज काफी समय से सक्रिय राजनीति में न रहते हुए भी जिस प्रकार जनसैलाब बाबूजी को श्रद्धांजलि देने आया, विशेषकर युवाओं को देख रहा हूं, वह यही साबित करता है कि यूपी के सार्वजनिक जीवन पर उन्होंने एक गहरी छाप छोड़ी है। हम हृदय से गहरी श्रद्धांजलि देते हैं और वादा करते हैं गरीबों, पिछड़ों और दबे कुचलों के लिए संघर्षरत रहेंगे, इतना ही कह सकता हूं।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार की रात सवा नौ बजे लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में निधन हो गया था। वह 89 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से बीमार थे।