आरयू वेब टीम। विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार कंगना ने 1947 में मिली आजादी पर टिप्पणी करते हुए इसे भीख करार कर दिया है। जिसपर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि ये स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान है। साथ ही कहा कि इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह।
वरुण गांधी ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘’कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’’
वरुण गांधी ही नहीं बल्कि अकाली दल के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके कहा है, ‘’मणिकर्णिका का रोल निभाने वाली आर्टिस्ट आजादी को भीख कैसे कह सकती है। लाखों शहादतों के बाद मिली आज़ादी को भीख कहना कंगना रनौत का मानसिक दीवालियापन है।’’
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दरअसल एक इंटरव्यू में कंगना रनौत ने आजादी को लेकर विवादित बयान दिया है। कंगना ने कहा, ‘’आजादी अगर भीख में मिले, तो क्या वो आजादी हो सकती है? सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन। पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी, जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।’’
वहीं कंगना के इस बयान का वीडियो उनको पदमश्री अवॉर्ड दिए जाने के बाद तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। तमाम बुद्धिजीवियों के अलावा बड़ी संख्या में लोग कंगना की इसके लिए निंदा कर रहें हैं। इतना ही नहीं लोग कंगना से पदमश्री अवॉर्ड वापस करने की भी लगातार मांग कर रहें हैं, अधिकतर सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि कंगना जैसी अभिनेत्री अवॉर्ड दिया जाना पदमश्री के महत्व को काफी कम करता है।