आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाइक ने लखनऊवासी जांबाजों की याद में बनी कारगिल शहीद स्मृति वाटिका पहुंचे। जहां सीएम व राज्यपाल समेत अन्य नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में सैनिकों ने विपरीत परिस्थतियों में भी देश को विजय दिलाने का काम किया था। योगी ने कहा कि पाकिस्तान ने करगिल में घुसपैठ कर भारत पर युद्ध थोपा था। भारतीय सैनिकों ने विपरीत परिस्थितियों में अपने पराक्रम का परिचय देते हुए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिलाई थी। आज का दिन भारत के शौर्य, पराक्रम और स्वाभिमान का दिन है। सर्द रात में तन ढकने के लिए गर्म कपड़े नहीं थे। पहाड़ी पर चढ़ने वाले जूतों के बिना ही जवान बढ़ते रहे। भूख लगी तो भुना हुआ चना फांक लिया, प्यास लगी तो बर्फ के टुकड़े मुंह में डाल लिए।
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यह भारतीय सेना के जांबाज ही थे, जिनके साहस व पराकरम के आगे विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर लड़ी गई लड़ाई में दुश्मन बुरी तरह परास्त हुआ। सन 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध में उत्तर प्रदेश के जवानों ने सबसे अधिक शहादत दी। लखनऊ के भी पांच जांबाज मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
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प्रदेश में अब तक चार जांबाजों को परमवीर चक्र मिला, जिसमें दो परमवीर चक्र कारगिल युद्ध के दौरान शहीद कैप्टन मनोज पांडेय और ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव को दिए गए। इसके अलावा कैप्टन आदित्य मिश्र, लांसनायक केवलानंद द्विवेदी, राइफलमैन सुनील जंग, मेजर रीतेश शर्मा का कारगिल युद्ध में अहम योगदान रहा है।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी के साथ उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, मंत्री सुरेश खन्ना और महापौर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद रहीं। उन्होंने शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।