सलमान, अदनान को जेल भिजवाने के लिए भाजपा नेता ने रची थी साजिश, लेकिन अति उत्‍साह में खुद ही मारा गया

अति उत्‍साह
प्रत्यूष मणि त्रिपाठी। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। एक साप्‍ताह पहले भाजपा नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी की महानगर इलाके में हुई हत्‍या के मामले में सोमवार को राजधानी की पुलिस नेे बेहद सनसनीखेज खुलासा किया है। महानगर पुलिस ने इस मामले में आज प्रत्‍यूष मणि त्रिपाठी के पांच दोस्‍तों को गिरफ्तार करते हुए मीडिया को बताया कि भाजपा नेता ने ही अपने ऊपर जानलेवा हमले का प्‍लॉन तैयार किया था, जिससे कि वो न सिर्फ पड़ोसी अदनान, सलमान समेत अन्‍य को जेल भिजवा सके, बल्कि अपने लिए सरकारी गनर भी हासिल कर सके।

इसी बीच अति उत्‍साह के चलते प्रत्‍यूष मणि ने चाकू मारने वाले अपने साथी अनिल राणा को कुछ ज्‍यादा ही उकसा दिया और उसने चाकू से पहले के बाद दूसरा वार तेज कर दिया। जिसके बाद ज्‍यादा खून बह जाने से भाजपा नेता की मौत हो गयी।

इनकी हुई गिरफ्तारी-

पुलिस ने इस मामले में भाजपा नेता को चाकू मारने वाले सरोजनीनगर के गुड़ौरा निवासी अनिल कुमार राणा के अलावा मडि़यांव थाना क्षेत्र की कृष्‍णा लोक कॉलोनी निवासी अशीष अवस्‍थी, सैदपुर के महेंद्र गुप्‍ता, पल्‍टन छावनी निवासी प्रभात कुमार व आलीगंज के त्रिवेणीनगर निवासी अमित अवस्‍थी को गिरफ्तार करते हुए आज चालान कर जेल भेज दिया।

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गिरफ्तार पांचों आरोपित।

प्रत्‍यूष के डांटने पर अनिल ने कर दिया तगड़ा वार

एसपी टीजी हरेंद्र कुमार ने बताया कि घटना के समय प्रत्‍यूष के साथ उसके पांचों साथी मौजूद थे। सबसे पहले प्रत्यूष ने अपने सबसे भरोसेमंद साथी आशीष को चाकू देकर खुद हमला करने को कहा, लेकिन वह वफादारी की दुहाई देते हुए रो पड़ा। इस पर प्रत्‍यूष ने अनिल राणा को चाकू थमा दिया और हमला करने को कहा जिसपर अनिल ने प्रत्‍यूष के कंधे पर चाकू मार दिया, लेकिन प्रत्‍यूष इससे संतुष्‍ट नहीं हुआ और डांटते हुए बोला कि 307 (हत्‍या का प्रयास) का केस न बना तो पड़ोसी जेल नहीं जा पाएंगे। फिर अनिल ने चाकू से सीने के पास तगड़ा वार कर दिया। जिसके बाद प्रत्‍यूष के सीने से खून निकलने लगा तो दोस्‍तों ने उसे संभालना चाहा, लेकिन प्रत्‍यूष उन्‍हें डांटकर वहां से भगाने के साथ बोला कि फोन आने पर ट्रॉमा सेंटर पहुंच जाना। इसी दौरान एक राहगीर ने प्रत्‍यूष को घायल सड़क‍ पर पड़ा देख पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसपर पुलिस ने उसे ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

ढाई सौ रुपए में खुद ही खरीदा अपनी मौत का सामान

पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि प्रत्‍युष मणि की हत्‍या जिस चाकू से हुई थी उसे किसी और ने नहीं, बल्कि खुद उसी ने खरीदा था। घटना में शामिल महेंद्र के साथ अमीनाबाद गड़बडझाला से प्रत्‍युष ने मीट काटने वाला ढाई सौ रुपए का चाकू खरीदा था। उसी चाकू को उसने अनिल को हमला करने के लिए दिया था।

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ग्लाव्स खरीदता महेंद्र।

सर्जरी ग्‍लव्‍स खरीदते दिखा महेंद्र

अंगुलियों के निशान चाकू पर न आएं इसके लिए भी तैयारी की गयी थी। प्‍लॉन के मुताबिक प्रत्‍यूष ने महेंद्र को मेडिकल स्‍टोर पर भेजकर उससे सर्जरी ग्‍लव्‍स मंगवाएं थे। मेडिकल स्‍टोर के सीसीटीवी कैमरे में महेंद्र की ग्‍लव्‍स खरीदते हुए वीडियो भी पुलिस ने अपने कब्‍जे में ले ली है। हालांकि घटना के बाद ग्लब्स और चाकू को आरोपितों ने कुकरैल नाला में फेंक दिया था, जिसकों पुलिस तलाश करवा रही है।

एसएसपी ने दिखाई समझदारी-

इस पूरे मामले में सत्‍ता का हस्‍ताक्षेप होने के बाद भी एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने कोई जल्‍दबाजी नहीं कि जिसकी वजह से हत्‍या का सही खुलासा हो सका। साथ ही पुलिस ने इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए तीन नामजदों को हत्‍या के मामले में जेल भी नहीं भेजा। वहीं प्रत्‍यूष के सीने और कंधे पर चाकू के दो धाव होने के बावजूद उनके हाथ या अन्‍य जगह पर चोट के निशान नहीं देख पुलिस शुरू से अंदाजा लगा रही थी अगर कोई बाहरी वारकर करता तो प्रत्‍यूष के संघर्ष या फिर इस दौरान चाकू के वार के कही और भी निशान शरीर पर होने चाहिए थे।

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साथ ही पुलिस ने इस मामले में आरोपितों के बारे में पड़ताल की थी तो पांचों में से किसी भी आरोपित की हत्‍या के समय घटनास्‍थल पर लोकेशन भी नहीं मिली। इस मामले में गिरफ्तार किए गए सलमान, अदनान सहित तीन आरोपितों से भी विस्‍तार से पूछताछ में पुलिस को लगभग तसल्‍ली हो गयी कि ये काम प्रत्‍यूष के ही किसी करीबी का है। जिसके बाद पुलिस ने अपने जांच की सूई घुमा दी।

वहीं एसपी टीजी हरेंद्र कुमार ने घटना का खुलासा करते हुए आज बताया कि प्रतिमा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि तीन दिसंबर की शाम प्रत्‍यूष घर से अपने दोस्‍त आशीष अवस्‍थी, महेंद्र गुप्‍ता व अनिल राणा के साथ दो बाइक से निकले थे। आइटी चौराहे के पास पहुंचने पर अमित व प्रभात को भी इस सजिश में शामिल कर लिया गया।

ये था मामला-

बताते चलें कि कैसरबाग के मॉडल हाउस निवासी प्रत्‍यूष मणि त्रिपाठी भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता थे। तीन दिसंबर की रात वो महानगर इलाके में चाकू लगने के बाद गंभीर अवस्‍था में सड़क पर पड़े मिले थे। पुलिस द्वारा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराए जाने के दौरान उन्‍होंने अपने पड़ोसी सलमान, अदनान व अन्‍य द्वारा जानलेवा हमले की बात कही थी। कुछ ही देर बाद इलाज के दौरान प्रत्‍यूष ने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद भाजयुमो के लोगों ने अगले दिन सुबह तक ट्रॉमा सेंटर में हंगामा और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की थी।

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जबकि चार दिसंबर को प्रत्‍यूष की पत्‍नी प्रतिमा की तहरीर पर महानगर कोतवाली में मोहल्‍ले में ही रहने वाले सलमान, अदनान, शीबू, ध्रुव व रोहित के खिलाफ हत्‍या व अन्‍य धाराओं के तहत मुकदमा लिखा गया था। प्रतिमा का कहना था कि प्रत्‍युष ने मरने से पहले इन्‍हीं पांचों लोगों द्वारा जानलेवा हमला करने की बात बताई थी।

आरोपितों के पास ये सामान हुए बरामद-

घटना में इस्‍तेमाल दो बाइक व सात मोबाइल के अलावा हत्‍या के समय अनिल राणा व अमित अवस्‍थी द्वारा पहने गए कपड़ें व जूते।

गिरफ्तारी में इनकी रही अहम भूमिका-

इंस्‍पेक्‍टर महानगर विकास कुमार पाण्‍डेय, एसआइ अरविंद कुमार सिंह, राजेश कुमार गौतम, चंद्रकांत मिश्रा, संजय प्रताप शाही, सर्विलांस सेल के राम नरेश कन्‍नौजिया, प्रदीप मिश्रा, विद्या सागर पाल व अन्‍य।

पत्‍नी ने उठाएं सवाल, सीबीआइ जांच की मांग

दूसरी ओर प्रत्‍यूष मणि की पत्‍नी प्रतिमा त्रिपाठी ने पुलिस के खुलासे पर ही सवाल उठाएं हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि पुलिस खुद को बचाने के लिए फर्जी खुलासा कर रही है। प्रतिमा ने डिप्‍टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा से इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने की भी मांग की है। साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो खुद भाजपा कार्यालय के बाहर धरना देंगी।

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