आरयू वेब टीम। काफी समय से पुलिस को चकमा देकर बचने का प्रयास कर रहे पूर्व बाहुबलि सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार को खुद ही जेल पहुंचने का निर्णय कर लिया। अजीत सिंह हत्याकांड में 25 हजार के ईनामी बन चुके जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने शुक्रवार को प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।
पूर्व एमपी ने साल 2017 में खुटहन में हुए एक मामले में जमानत तुड़वाकर आज सरेंडर किया है। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया है। अब एक अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस हत्याकांड के राज उगलवाने के लिए उन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गयी है।
कहा जा रहा धनंजय सिंह एमपीएमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचा तो उसने नीली रंग की पैंट और सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी। सिर पर कश्मीरी टोपी थी। मुंह पर गमछा भी था। कचहरी के मुख्य गेट से सीधे कोर्ट पहुंच गया। इस दौरान किसी को इसकी भनक नहीं लगी। उसके दाहिने तरफ एक और पीछे दो लोग चल रहे थे। कोर्ट के बाहर पहुंचते ही यह तीनों बाहर खड़े हो गए। इसी बीच वहां पूर्व सांसद के अधिवक्ता आ गए। आपस में बातचीत हुई। हत्या के एक अन्य मामले में एक जमानतदार आशुतोष शर्मा ने कोर्ट में अर्जी दी कि वह अपनी जमानत वापस ले रहा है। पूर्व सांसद और आरोपित धनंजय सिंह कोर्ट में आया है, उसे हिरासत में लें।
उल्लेखनीय है कि राजधानी में अजीत सिंह हत्याकांड में फरार चल रहे धनंजय सिंह पर कमिश्नरेट पुलिस ने कल ही 25 हजार का ईनाम घोषित किया था। इसके साथ ही पुलिस ने उनकी सभी अवैध संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई के लिए भी अगला कदम बढ़ा दिया था।
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डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन के मुताबिक, अजीत हत्याकांड में पूर्व सांसद के खिलाफ कोर्ट से गैरजमानती वारंट हासिल करने के बाद तलाश तेज कर दी थी। बुधवार रात को पुलिस ने लखनऊ में उनके चार ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन पूर्व सांसद नहीं मिले। पुलिस ने इन ठिकानों से तीन लोगों को हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया था।
पूर्व सांसद के पिता और रारी के पूर्व विधायक राजदेव सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बेटे के सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्हें आशंका है कि पुलिस की लगातार विधि विरुद्ध कार्रवाई से बेटे की जान को खतरा है।
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पूर्व विधायक राजदेव सिंह ने शहर के कालीकुत्ती स्थित आवास पर पत्रकारों से कहा कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गलत तरीके से मुकदमों में वांछित दिखाकर जनता में छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा। उन पर अवैध संपत्ति अर्जित करने की अर्नगल बातें की जा रही हैं।
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जिस मुकदमे में आरोपी गिरधारी के बयान के आधार पर पूर्व सांसद की संलिप्तता जाहिर की जा रही है, वह बयान पुलिस ने लिया है। पुलिस की ओर से लिया गया बयान साक्ष्य में ग्रहण योग्य नहीं होता। उन्होंने कहा कि धनंजय सिंह ने अक्टूबर 2020 में हुए मल्हनी विधानसभा के उपचुनाव में अपनी संपूर्ण संपत्तियों का विवरण दिया है। यह समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुआ था।
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धनंजय सिंह के पास चुनाव में घोषित संपत्ति के अतिरिक्त अन्य कोई भी संपत्ति नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मांग है कि पुलिस की विधि विरुद्ध कार्रवाई और दुष्प्रचार पर रोक लगाएं।