शंभू बॉर्डर पर बिगड़े हालात, किसानों को रोकने को पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

आरयू वेब टीम। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का जत्था शम्भू बॉर्डर पर पहुंचा। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। पुलिस ने किसानों को रोकने लिए आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। जिससे बॉर्डर पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया है। किसान अपनी मांग को लेकर दिल्ली जाने के लिए अड़े हैं, पुलिस प्रशासन ने भी उन्‍हें हर हाल में रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।  हरियाणा के सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया है। पंजाब के किसान मौके पर बॉर्डर पर डटे हुए है।

वहीं दिल्ली उत्तरी रेंज के अतिरिक्त सीपी राजीव रंजन सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया, “दिल्ली में जहां से भी प्रदर्शनकारियों के आने की संभावना है उन सभी सीमाओं पर दिल्ली पुलिस द्वारा काफी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की अपनी फोर्स के अलावा सीआरपीएफ की भी काफी फोर्स को लगाया गया है। सिंघु बॉर्डर पर कई इंतजाम किए गए हैं ताकि प्रदर्शनकारी हमारे निर्देशों की अवमानना ना करें।”

दरअसल किसान नेताओं और दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद पंजाब से किसानों ने मंगलवार को सुबह अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया। किसानों की अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना है। कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ फतेहगढ़ साहिब से सुबह करीब दस बजे मार्च शुरू किया और वे शंभू सीमा के जरिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। संगरूर में महल कलां से एक और समूह खनौरी सीमा के जरिए दिल्ली की ओर कूच कर रहा है।

हरियाणा में प्राधिकारियों ने कंक्रीट के अवरोधक, भाले और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर कई स्थानों पर पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियों समेत दंगा रोधी वाहन भी तैनात किए गए हैं।

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हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की हैं जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है। दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की भाले और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसान संघों के झंडों वाली ट्रैक्टर-टॉली पर किसानों ने सूखा राशन, गद्दे और बर्तन समेत अन्य आवश्यक सामान रखा। ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले में एक खुदाई मशीन थी।

अमृतसर में एक किसान ने कहा कि इसका इस्तेमाल अवरोधक तोड़ने में किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली कूच कर दिया है।

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