मोदी सरकार के प्रस्ताव से भड़के किसानों ने किया आंदोलन तेज करने का ऐलान, अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट्स का भी करेंगे बायकॉट

केंद्र सरकार का प्रस्‍ताव
अपने फैसले के बारे में बताते किसान।

आरयू वेब टीम। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को एक लिखित प्रस्‍ताव भेजा था। जिस पर अब किसानों ने अपना जवाब दिया है। किसान संगठनों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि उनकी मांग तीनों कानूनों को रद्द करने की है।

मोदी सरकार के प्रस्ताव से भड़के क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, “हम सरकार के प्रस्तावों को खारिज करते हैं।”साथ ही किसानों ने अपना आगे का प्लान बताते हुए कहा कि आंदोलन को और तेज किया जाएगा। किसानों ने कहा कि ये प्रस्ताव पूरे भारत के किसानों का बड़ा अपमान है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार के प्रस्ताव में नया कुछ नहीं है, उल्टा एक दो बातों पर सरकार पीछे हटी है।

इसके साथ ही किसानों ने अपनी परेशानी के पीछे उद्योगपति मुकेश अंबानी व गौतम अडानी का भी हाथ मानते हुए आज मीडिया के सामने इनके उत्‍पादों का ज्‍यादा से ज्‍यादा बहिष्‍कार करने का ऐलान किया है।

ये होगी किसानों आगे की रणनीति

जयपुर दिल्ली हाईवे को 12 दिसंबर तक रोक दिया जाएगा।

12 दिसंबर को पूरे देशभर के टोल प्लाजा होंगे फ्री।

हमें ये कानून निरस्त करवाना है और एमएसपी पर गारंटी का कानून चाहिए।

14 दिसंबर को पूरे देश में धरना प्रदर्शन होगा।

रिलायंस के खिलाफ भी पूरे देश में प्रोटेस्ट होगा, पोर्ट किए जाएंगे जियो सिम।

अंबानी और अडानी की हर कंपनी का बायकॉट किया जाएगा।

भाजपा नेताओं के ऑफिसों का पूरे देशभर में घेराव किया जाएगा।

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सरकार के दिए प्रस्ताव

सरकार की तरफ से किसानों को जो प्रस्ताव दिया गया है उसमें एमएसपी को लेकर उठने वाले संशय का जवाब दिया गया है। सरकार ने एमएसपी को लेकर कहा है। नए अधियनियमों में समर्थन मूल्य की व्यवस्था और सरकारी खरीदी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

समर्थन मूल्य के केंद्रों की स्थापना का अधिकार राज्य सरकारों को है और वो इन केंद्रों को मंडियों में स्थापित करने के लिए स्वतंत्र हैं।

केंद्र सरकार द्वारा लगातार समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था मजबूत की गई है, जिसका उदाहरण इस साल की रबी और खरीफ की बंपर खरीदी है।

सरकार ने किसान की बिजली सेंशोधन बिन से जुड़ी एक और अहम मांग पर जवाब दिया है। सरकार ने प्रस्ताव में कहा है कि वह बिजली संशोधन बिल 2020 नहीं लाएगी।

बता दें कि मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से किसान संगठनों की मुलाकात हुई थी जिसके बाद सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव का सुझाव देने की बात कही थी, जिसके बाद आज सरकार की तरफ से किसानों को 20 पन्ने का एक प्रस्ताव भेजा गया था।

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