आंदोलनरत किसानों को केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने बताया नकली, कहा असली तो कर रहें खेतों में काम

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी

आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार द्वारा बनाए नए कृषि कानून के खिलाफ किसान कई दिनों से सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे है। इस बीच केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है। केंद्रीय मंत्री ने आंदोलनरत किसानों को नकली बताने के साथ ही वपक्ष पर भी किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है

मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा ‘मुझे लगता है कि कांग्रेस सरकार और विपक्ष किसानों को भड़काने की कोशिश कर रही है। देश के किसान इन कानूनों के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं। ‘ केंद्र द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे पीएम मोदी के नेतृत्व और किसानों पर पूरा विश्‍वास है। मुझे यकीन है कि किसान कभी भी ऐसा निर्णय नहीं लेंगे, जिससे देश में कहीं भी अशांति पैदा हो।

यह भी पढ़ें- बोले किसान, नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के बाद ही खत्‍म होगा आंदोलन

कैलाश चौधरी ने कहा कि इन कानूनों ने किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की है। मुझे नहीं लगता कि असली किसान इसके बारे में परेशान हैं, वह अपने खेतों में काम कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि किसानों को यह सोचना चाहिए कि किस तरह से इसका राजनीतिकरण किया जा रहा और उन लोगों को फुसलाया जा रहा है। कुछ लोग इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। कहा कि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में जिस तरह से किसानों के हित में काम हुए उस तरह पहले कभी नहीं हुआ।

कैलाश चौधरी ने आगे कहा कि कल जो बैठक हुई उसमें किसानों के सुझाव पर विचार-विमर्श किया गया। किसानों को अगर लगता है कि इसमें कुछ संशोधन की जरूरत है तो सरकार ने भी कहा है अगर आवश्यकता हुई तो हम संशोधन करेंगे। शनिवार को पांचवें दौर की बैठक में किसान संगठनों ने साफ कर दिया था कि वे पीछे नहीं हटेंगे। बता दें कि किसान संगठनों ने आठ दिसंबर (मंगलवार) को ‘भारत बंद’ बुलाया है। किसान आंदोलन को विभिन्‍न राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है जिससे मोदी सरकार के लिए चुनौती बड़ी हो गई है।

वापस करूंगा राजीव गांधी खेल पुरस्‍कार: विजेंदर सिंह

वहीं आज कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करने के लिए बॉक्सर विजेंदर सिंह सिंघु बॉर्डर पहुंचे। जहां विजेंदर सिंह ने कानूनों का विरोध करते हुए कहा कि अगर सरकार ये काले कानून वापस नहीं लेती तो मैं सरकार को खेल का सबसे बड़ा सम्मान राजीव गांधी खेल पुरस्कार वापस करूंगा।

यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मांगों पर अड़े रहें किसान, सरकार के साथ आठ घंटें की वार्ता रही बेनतीजा