सिंघु बॉर्डर पर आंदोलित किसान व उत्‍तेजित लोगों में झड़प-पत्थरबाजी, पुलिस ने लाठीचार्ज कर दागे आंसू गैस के गोले

सिंघु बॉर्डर
प्रदर्शन के दौरान एक्श‍न में पुलिस।

आरयू वेब टीम। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्‍टर रैली में हिंसा के बाद कुछ कमजोर पड़े किसान आंदोलन में शुक्रवार को एक बार फिर मजबूती देखने को मिली। इसी के साथ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलित किसान और उत्‍तेजित लोगों के बीच जमकर बवाल हुआ। दोनों गुटों के बीच पत्थरबाजी हुई और एक दूसरे पर हमला किया गया। उत्‍तेजित लोग शुक्रवार सुबह से ही किसान आंदोलनकारियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे और हाईवे खाली करने की मांग की गई। इस दौरान किसानों के टेंट भी उखाड़े गए। हंगामा बढ़ने के बाद स्थिति काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागे।

आज किसानों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोग खुद को स्थानीय निवासी बता रहे हैं और समूह में सिंघु बाॅर्डर पर जमा होकर बाॅर्डर को खाली करने की मांग की। जानकारी के अनुसार दोनों गुटों में जारी संघर्ष और पत्थरबाजी के दौरान पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि, इस बवाल के बीच कई लोगों और पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। तमाम किसानों के साथ ही अलीपुर एसएचओ भी घायल हुए हैं।

विपक्ष ने बताया भाजपा की साजिश

दूसरी ओर इस भीड़ को विपक्ष भाजपा प्रयोजित बता रहा है। राहुल गांधी समेत तमाम अन्‍य नेताओं का कहना है कि भाजपा ने स्‍थानीय लोगों के नाम गुंडों को भेजकर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की घिनौनी साजिश की है, लेकिन बड़ी संख्‍या में होने के बावजूद किसानों ने एक बार फिर संयम बरतते हुए इस साजिश को नाकाम कर दिया है।

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गौरतलब है कि शुक्रवार को बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती थी, मगर कुछ 200 के लगभग लोग यहां पहुंचे और पत्थरबाजी की और किसानों के टेंट उखाड़े। हालात बिगड़ने के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और किसानों ने शांति बनाने की अपील की है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पुलिस के सख्‍त पहरे के बावजूद इतने लोगों की भीड़ प्रदर्शनस्थल तक कैसे पहुंची है।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन छिन-भिन्न होने की बात सामने आ रही थी। इस बीच, हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो संदेश में, समर्थकों से दिल्ली की सीमाओं के पास धरनास्थलों में शामिल होने की अपील की। जिसके बाद बड़ी संख्या में किसानों का जत्था प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बाॅर्डर पर पहुंचने लगा।

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