विपक्ष के हंगामें के बीच राज्‍यसभा में भी पास हुए दो कृषि बिल, सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्‍थगित

राज्यसभा की कार्यवाही

आरयू वेब टीम। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष के लगातार विरोध के बीच रविवार को किसानों से जुड़े दो बिल पास कर दिए गए हैं। पास किए गए दो बिलों में कृषक उपज व्यापार विधेयक 2020 और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020। बिल पर हंगामे के बीच विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में नारे लगाए गए। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उन्हें अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा। कृषि बिलों को लेकर सदन में हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह नौ बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उच्च सदन में विधेयक के पारित होने के दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक को फाड़ दिया और माइक भी तोड़ दिया। बता दें कि बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने पहले ही बिल का विरोध किया। पार्टी की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। वहीं देशभर के किसान बिल का विरोध कर रहे हैं।

बिल के समर्थन का मतलब किसानों का डेथ वारंट पर हस्‍ताक्षर: कांग्रेस

कांग्रेस ने सरकार को किसान विरोधी तक करार दिया है। कांग्रेस ने इसके समर्थन को डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा बताया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं।

यह भी पढ़ें- हरियाणा-पंजाब में कृषि बिल का पुरजोर विरोध, पूर्व मुख्यमंत्री के घर के सामने किसान ने पिया जहर, हालत गंभीर  

किसान की आय 2028 तक नहीं हो सकती डबल: टीएमसी

राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन ने कहा, आपने कहा था कि किसानों की आय 2022 तक डबल हो जाएगी। पर अभी वर्तमान में जो रेट चल रहा है उसके हिसाब से किसान की आय 2028 तक डबल नहीं हो सकती। मैं भी बड़ी बातें कर सकता हूं।

सपा सांसद ने उठाए सवाल

सपा सांसद राम गोपाल यादव ने सवाल उठाया कि क्या यह उचित नहीं होगा पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में कि देश की सात फीसदी लोगों को रोजी-रोटी देने वाले सेक्टर के बारे में जब आप बिल लाएं तो विपक्ष के नेताओं से भी बात करें और देश के तमाम संगठनों से बात करें।

गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक इस बात का भी प्रावधान करते हैं कि बुआई के समय ही जो करार होगा उसमें ही कीमत का आश्वासन किसान को मिल जाए। किसान की संरक्षण हो सके और किसान की भूमि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसका प्रावधान भी इन विधेयकों में किया गया है।

यह भी पढ़ें- कृषि विधयेकों का विरोध जताकर बोलीं कांग्रेस, खेती-किसानी को भी कॉर्पोरेट के हवाले कर रही मोदी सरकार