आरयू वेब टीम। तीनों कृषि कानूनों की वापसी और लंबित मांगों पर सरकार के प्रस्ताव के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान किया है। किसान मोर्चा ने साफ किया कि आंदोलन को खत्म नहीं किया जा रहा है, इसे अभी स्थगित किया गया है। किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा कि हम एक बड़ी जीत लेकर जा रहे हैं, एक अहंकारी सरकार को झुकाकर जा रहे हैं।
ये आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है, इसे अभी स्थगित किया गया है। 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की फिर बैठक होगी, जिसमें समीक्षा होगी। अगर सरकार दाएं-बाएं होती है तो आंदोलन फिर शुरू करने का फैसला लिया जा सकता है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 11 दिसंबर से विजय के साथ दिल्ली बॉर्डर से किसानों का जाना शुरू हो जाएगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम पहले दस तारीख से ही करना चाह रहे थे, लेकिन कल जो दुर्घटना हुई है, इसलिए हमने 11 तारीख से विजय मनाने का फैसला लिया है।
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वहीं एक सवाल के जवाब किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि इसका मतलब है कि आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई वादे किए हैं। केस वापसी की बात कही है, मुआवजा देने की बात कही है, लेकिन अभी केस वापस तो नहीं हो गए, मुआवजा तो नहीं मिल गया। सरकार अपने वादे पूरे कर दे, हम अपने वादे पूरे कर देंगे।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। हमने 21 नवंबर को अपनी छह मांगों के साथ एक चिट्ठी लिखी थी। दो हफ्ते तक उस पर कोई जवाब नहीं आया। सात दिसंबर को सरकार की ओर से एक प्रस्ताव आया था, जिसपर हमने कुछ बदलाव बताए थे। उसके बाद कल यानी आठ दिसंबर फिर एक प्रस्ताव आया और आज केंद्र सरकार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल की ओर से चिट्ठी आई है, जिसके बाद हमने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया है।