आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कृषि बिल के खिलाफ किसानों ने एक बार फिर प्रदर्शन तेज कर दिया है। इसी क्रम में किसानों ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन किया। इसके बाद राजभवन जाकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। इस दौरान किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राज्यपाल को सौंपते हुए एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की।वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर रोका।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि, बीते एक साल से यूपी में किसानों के लिए अघोषित इमरजेंसी लागू है। हमारी मांग है कि तीनों कृषि बिल को वापस लिया जाए। एमएसपी पर कानून लाया जाए। साथ ही किसानों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि, मंडियों पर सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडे गेहूं बेचने नहीं दे रहे हैं, वह अपने मनमाफिक रेट तय खरीद कर कालाबाजारी कर रहे हैं। हमें एमएसपी का रेट सरकारी और प्राइवेट दोनों जगहों पर मिलना चाहिए। हमने ज्ञापन सौंपा है, अब हम सभी लोग गाजीपुर बॉर्डर जाएंगे।
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बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को आज सात महीने पूरे हो गए हैं। ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर समेत सभी प्रदर्शनस्थलों पर आज कई दिन बाद किसानों और सबसे ज्यादा चहल-पहल देखी जा रही है। किसान आज विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करेंगे। हालांकि किसानों का कहना है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।किसानों के आज के आंदोलन को देखते हुए पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। एहतियातन दिल्ली की ओर आने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस हर आने-जाने वाले पर नजर रख रही है।