किसानों की महापंचायत
महापंचायत में उमड़ी किसानों की भीड़।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। अधिकारियों की मनमानी रोकने समेत 25 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अरा.) लोकतांत्रिक द्वारा बुलायी गयी किसान महापंचायत में रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राजबब्बर पहुंचें। दुबग्‍गा में हजारों किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि मैं न सिर्फ आपके सामने एक किसान की हैसियत से खड़ा हूं, बल्कि आपकी मांगों के लिए मैं कंधे से कंधा मिलकार निर्णायक लड़ाई लड़ूंगा।

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किसानों की महापंचायत
महापंचायत को संबोधित करते राजबब्बर।

प्रदेश अध्‍यक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोलने के साथ ही कहा कि योगी सरकार गंभीरता के साथ किसानों की 25 सूत्रीय मांगों पर बिना देर किए प्रभावशाली कार्यवाही करें। जिससे कि किसानों को अपने अधिकारों के लिए भटकना न पड़े।

ये रहीं किसानों की मांगें व शिकायतें-

राजबब्‍बर के संबोधन के पहले किसान महापंचायत के नेताओं ने सरकारी अधिकारियों पर मनमानी और पद का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि  जिला, तहसील, थानों व विकास प्राधिकरणों में किसानों की कोई सुनवाई अधिकारी नहीं कर रहें हैं।

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सरकार लाख दावे कर रही है कि गांवों में 18 घंटे बिजली मिल रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के वादे के अनुसार 18 घंटे बिजली नहीं मिल रही है, जो उन्‍हें दी जाए। हरदोई एवं लखीमपुर जनपद के कई गांवों में विद्युतीकरण के नाम पर सिर्फ खंभे लगे हैं, अभी तक विद्युत लाइन भी नहीं डाली गयी है।

गांवों में बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से न होने पर डीजल पर सब्सिडी दें जिससे सिंचाई सुलभता से हो सके।

किसानों को नलकूप का कनेक्शन मुफ्त दिया जाय।

स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार उपज का लाभकारी मूल्य डेढ़ गुना दिया जाए।

हरदोई जनपद के विकास खण्ड भरावन में ग्रामसभा छावन से तुलसीपुर एवं ब्लाक कोथावां के लिए भीखमपुर ऐमा के मढ़िया गांव को जाने के लिए आज तक कोई रास्ता नहीं बना।

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योगी सरकार बाढ़ से प्रभावित विस्थापित परिवारों को पुर्नस्थापित करने के लिए यूपी बाढ़ एवं पुर्नवास आयोग का गठन करे।

किसानों का टोल टैक्स माफ किया जाए।

किसानों की आर्थिक स्थिति के आधार पर उनका सभी प्रकार का कर्ज माफ किया जाए।

बाढ़ ग्रस्त इलाकों के किसानों से सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की वसूली न की जाय एवं उन्हें बाढ़ राहत सामग्री के साथ उनके पुर्नवास की व्यवस्था होनी चाहिए जिनकी संख्या इस समय लगभग एक लाख है।

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बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए मुफ्त मिट्टी का तेल लैंप जलाने के लिए उपलब्ध कराया जाय।

भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगें नहीं मानी तो किसान सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।

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