अब चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत, मात्र दो महीने में छह चीते गंवा चुके जान

चीते के बच्‍चे
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। कूनो नेशनल पार्क में गुरुवार को फिर एक मादा चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई है। अत्यधिक गर्मी की वजह पिछले दो दिन में कुल तीन शावकों की मौत हो गई है। वहीं चौथे शावक की स्थिति गंभीर बताई जा रही। इन चारों शावकों का जन्म यहीं इसी कूनो पालपुर में हुआ था। इस तरह 27 मार्च से अब तक पिछले सिर्फ दो महीने में ही कुल छह चीते दम तोड़ चुके हैं।

वन विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘मंगलवार सुबह एक शावक की मौत के बाद पालपुर में तैनात वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा अन्य शावकों की निगरानी की गई। दोपहर बाद शेष तीन शावक की स्थिति सामान्य नहीं थी। दिन का अधिकतम तापमान लगभग 46-47 डिग्री सेल्सियस रहा था और दिनभर अत्यधिक गर्म हवाएं व लू चलती रही। गर्मी को देखते हुए चिकित्सकों की टीम ने तत्काल तीनों शावकों को रेस्क्यू कर आवश्यक उपचार करने का फैसला लिया। दो शावकों की स्थिति अत्यधिक खराब होने से उपचार के सभी प्रयासों के बावजूद भी उनको बचाया नहीं जा सका। एक शावक गंभीर हालत में गहन उपचार-निगरानी में पालपुर स्थित चिकित्सालय में रखा गया है, जहां उसका उपचार किया जा रहा है।’

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वन विभाग के मुताबिक सभी चीता शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन व अत्यधिक डिहाइड्रेटेड पाए गये थे। मादा चीता ज्वाला हैण्ड रियर्ड चीता है जो पहली बार मां बनी है। चीता शावकों की उम्र लगभग आठ हफ्ते हैं इस अवस्था में चीता शावक सामान्यतः जिज्ञासु होते हैं एवं मां के साथ लगातार चलते हैं, चीता शावकों ने अभी लगभग आठ-दस दिन पूर्व ही माँ के साथ घूमना शुरू किया था। चीता विशेषज्ञों की मानें तो सामान्यतः अफ्रीका में भी चीता शावकों का जीवित रहने का प्रतिशत बहुत कम होता है। स्टैंडर्ड पोटोकाल अनुसार मृत शावकों की पोस्टमार्टम की जा रही है।

कूनो नेशनल पार्क में पिछले दो महीने के भीतर तीन शावकों सहित कुल छह चीतों की मौत हो चुकी है। इससे पहले तीन चीते शाशा, उदय सहित तीन चीतों की मौत हुई थी। अब दो दिनों के भीतर ज्वाला चीते के चार नन्हें शावकों में से तीन की मौत हुई है। इसे लेकर विभाग के अधिकारी और मैदानी अमले की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से एक सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, दो महीने में तीन शावकों सहित छह चीतों की मौत कूनो के अंदर हो चुकी है।

प्रोजेक्ट चीता के तहत पहली खेप में नामीबिया से आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे।

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