कूनो नेशनल पार्क में जारी है चीतों की मौत का सिलसिला, अब मादा चीता धात्री की गई जान

कूनो नेशनल पार्क
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। मोदी सरकार के प्रोजेक्ट चीता को एक और झटका लगा है। कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को एक मादा चीते की मौत हो गई है। अब तक शावकों सहित नौ चीतों की मौत हो चुकी है। इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था। चीतों की मौत के चलते पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

नेशनल पार्क के अधिकारियों द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा है कि, “एक मादा चीता, धात्री (तिब्लिसी) आज सुबह मृत पाई गई। मौत का कारण निर्धारित करने के लिए, पोस्टमार्टम किया जा रहा।” प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने मादा चीता धात्री की मौत की पुष्टि की है।

इसके साथ ही प्रेस रिलीज में कहा गया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इस समय बोमा में 14 चीते (सात नर, छह माद और एक मादा शावक) स्वस्थ हैं। उनका लगातार स्वास्थ्य परीक्षण कूनो वन्य प्राणी चिकित्सक टीम और नामीबियाई विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहाहै। बोमा के बाहर विचरण कर रहे शेष दो मादा चीतों को नामीबियाई विशेषज्ञ व कूनो वन्य प्राणी चिकित्सक और प्रबंधन टीम द्वारा लगातार मानिटर किया जा रहा। उनके हेल्थ परीक्षण के लिए बोमा में लाए जाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

बोमा एक पारंपरिक अफ्रीकी तकनीक है। यह एक विशेष बाड़ा है। एक विशेष रूप से तैयार किया गया बाड़ा, जिसे प्री-रिलीजिंग सेंटर भी कहा जाता है, जो 500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करता है। यह चीतों को उनके नए आवास में अनुकूलन के लिए तैयार किया गया है।

दरअसल कूनो नेशनल पार्क में जिन नौ चीतों की मौत हुई है, उनमें तीन शावक भी शामिल हैं। पिछले साल सितंबर में कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 वयस्क लाए गए थे। तब से यहां चार शावकों का जन्म हो चुका है, हालांकि पिछले महीने तीन दिनों के दौरान दो नर चीतों की मौत हो चुकी है। तेजस की मौत 11 जुलाई, जबकि सूरज की 14 जुलाई को हुई थी।

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बता दें कि भारत में चीतों को बसाने के लिए केंद्र सरकार लंबे समय से प्रयासरत रही है। 70 साल बाद दक्षिण अफ्रिका और नामीबिया से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्‍मदिन के मौके पर यहां चीते लाए गए थे। पहली खेप में नामीबिया से आठ, जबकि दूसरी खेप में दक्षिण अफ्रिका से 12 चीते आए थे। कूनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के श्योपुर में है। चीतों की पहली खेप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी चीतों की मौत पर चिंता जाहिर की थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को हिदायत देते कहा था कि आपसी राजनीति से ऊपर उठकर चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करने पर सोचना चाहिए। राजस्थान में विपक्षी दल कांग्रेस की सरकार है, सिर्फ ये सोचकर आप इसको नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। आप वहां कोई अच्छी जगह क्यों नहीं ढूंढते हैं?

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