आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से एक बड़ी खबर आयी है। यहां हॉस्टल में एलएलएम के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी है। दिल्ली में बैठे दोस्त ने छात्र का वाट्सएप स्टेटस देख पुलिस से अनहोनी की आशंका जताई तो मामला खुला। लंका पुलिस हॉस्टल पहुंची, लेकिन तब तक छात्र की मौत हो चुकी थी। छानबीन में पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। होनहार छात्र की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही घटना की जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि मूल रूप से बिहार के आरा भोजपुर निवासी प्रेम शंकर खरवार (25 वर्ष) बीएचयू में एलएलएम फर्स्ट ईयर का छात्र था। प्रेम शंकर डॉक्टर भीमराम अंबेडकर छात्रावास के कमरा नंबर 57 में रहता था। कल रात प्रेम शंकर ने अपने वाट्सएप प्रोफाइल पर ‘सॉरी फॉर ऑल’ का स्टेटस लगाया और फिर चादर से फंदा बनाकर पंखे के सहारे फांसी लगा ली।
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इंस्पेक्टर लंका ने बताया प्रेमशंकर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया था। दिल्ली में ही उसके साथ पढ़ चुके एक दोस्त ने रात में स्टेटस देखा तो उसे संदेह हुआ। कई बार कॉल करने पर भी जब प्रेम शंकर का फोन रिसीव नहीं हुआ तो इसकी जानकारी रात करीब डेढ़ बजे दोस्त ने पुलिस को दी। हम लोग तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक छात्र की मौत हो चुकी थी। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मामले की जांच की जा रही है।
रात दस बजे की थी पिता से बात, नहीं होने दिया अहसास
वहां घटना की जानकारी लगने पर प्रेम शंकर के रोते-कलपते परिजन वाराणसी पहुंचे। लंका पुलिस के अनुसार प्रेम शंकर ने कल रात दस बजे पिता से समान्य ढ़ग से बात की थी, लेकिन उसने उन्होंने इस बात का अंदाजा नहीं होने दिया कि वह इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा या फिर उसे कोई परेशानी है। जवान बेटे के नादानी भरे कदम से बुढ़ापे में अपने सहारे का आस लगाए पिता समेत प्रेम शंकर के अन्य परिजन आज बिलखते रहें।
महीने भर से चल रही थी डिप्रेशन की दावा
लंका इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच में पता चला है कि प्रेम शंकर पढ़ाई-लिखाई में काफी होनहार था। पिछले एक महीने से वह काफी परेशान चल रहा था। डिप्रेशन की वजह से उसकी दावा भी चल रही थी, लेकिन डिप्रेशन किस बात का था इसकी जानकारी अभी नहीं हो सकी है।
भविष्य को लेकर रहता था परेशान
वहीं बीएचयू के छात्रों का कहना था कि प्रेमशंकर पढ़ाई में तो अच्छा था ही उसका व्यवहार भी साथी दोस्तों के साथ अच्छा था। उसके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थीं, वह कई बार अपने भविष्य को लेकर जरूर परेशान दिखता था।