आरयू वेब टीम। कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बुधवार को मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए नोटिस सौंपा था। पिछले चार दिनों से सदन में मणिपुर मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकृति दे दी है।
दरअसल लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने महासचिव के कार्यालय को एक नोटिस सौंपा। अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक अलग नोटिस भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के फ्लोर लीडर नागेश्वर राव ने स्पीकर को सौंपा था। बीआरएस का नेतृत्व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव कर रहे हैं। लोकसभा स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सहमति जताई है। इसे लेकर कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप भी जारी किया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इसको लेकर जल्द ही सभी को सूचना दे दी जाएगी।
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गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष को सदन में सरकार के बहुमत को चुनौती देने की अनुमति देता है, और यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है। गोगोई असम से आते हैं और वह लोकसभा में कालियाबोर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों की मंगलवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में फैसला हुआ था। कांग्रेस ने अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके कहा है कि वे बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे संसद भवन स्थित पार्टी संसदीय दल के कार्यालय में मौजूद रहें।
बता दें कि इससे पहले 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ आखिरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटक दल मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मॉनसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। मणिपुर में दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद देशभर में आक्रोश फैल गया।