लखनऊ की किसान महापंचायत में बोले राकेश टिकैत, प्रधानमंत्री के माफी मांगने से नहीं, MSP पर कानून बनने से मिलेगा रेट

प्रधानमंत्री के माफी मांगने

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एक साल लगा, लेकिन हमने हमेशा अपनी भाषा में अपनी बात कही, लेकिन दिल्ली की चमकीली कोठियों में बैठने वालों की भाषा दूसरी थी। हमें 12 महीने लगे अपनी बात समझाने में की इस कानून से नुकसान होगा। जब उन्होंने सर्वे कराया तो समझे कि इन कानूनों से नुकसान है।

उक्‍त बातें सोमवार को संयुक्‍त किसान मोर्चा की तरफ से लखनऊ में इको गार्डन में आयोजित की गई किसानों की महापंचायत को संबोधित कर किसान नेता राकेश टिकैत ने कही। टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कटाक्ष के साथ कानून वापस लेने की घोषणा की, जैसे कोई लड़ाई करके ‘गाली’ देते हुए भागता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को समझने में नाकाम रहे, देश से माफी भी मांगी, लेकिन उनके माफी मांगने से रेट नहीं मिलेंगे, एमएसपी की पॉलिसी बनने से रेट मिलेंगे।

साथ ही कहा कि जब ये गुजरात में सीएम थे तो एक कमिटी के अध्यक्ष थे जिसमें तमाम सीएम थे। तब इन्होंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को रिपोर्ट देकर एमएसपी लागू करने की बात कही थी। वो आज भी पीएमओ में रखी है। हम बस ये कहते अपनी ही कमिटी की रिपोर्ट लागू कर दें।

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टिकैत ने कहा, ” इन्होंने अपने घोषणा पत्र में कहा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करेंगे। झूठ बोलकर चुनाव जीता फिर उसे लागू भी नहीं किया। पहले तीन क्विंटल गेहूं में एक तोला सोना आता था, आज भी दे दो तो हम कानून का स्वागत करेंगे। पूरा देश प्राइवेट मंडी बनने जा रहा है, आपको जागना होगा। ये आपको कहते है कि मंडी के बाहर अपना अनाज बेचो। इसका मतलब जब मंडी कमजोर होगी तो कहेंगे आमदनी नहीं। ये मंडी की जमीन बेचने में लगे और आपको उलझायेंगे

राकेश टिकैत ने कहा की हमारे तमाम मसले हैं। एमएसपी की गारंटी, सीड बिल, दूध पालिसी, जो किसान शहीद हुए उसपर ये हमसे बात करें और हमारी बातों को भी सुने। ये बात नही सुनेंगे और मानेंगे तो देश भर में कार्यक्रम चलेंगे। इसके अलावा पुलिस की सैलरी भी हमारा मुद्दा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र की गिरफ्तारी हमारा प्रमुख मुद्दा है। अगर टेनी ने मिल का उद्घाटन किया तो उस मिल पर गन्ना नहीं जाएगा, बल्कि गन्ना डीएम के ऑफिस जाएगा भले ही कितना नुकसान हो। हम तीन दिन लखीमपुर खीरी में रहेंगे।

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टिकैत ने तंज कसते हुए कहा, “जिस तरह पीएम ने बात की, शहद से भी मीठी आवाज थी। देश का पीएम ऐसे बात करता है तो शक होता है। हम देश के पीएम को कमजोर नहीं मजबूत चाहते हैं। आप माफी न मांगों, सख्ती से बात करो, लेकिन समस्याओं का समाधान करो। हमारे आगे के कार्यक्रम तय है। 26 को आंदोलन का एक साल होने पर ट्रेक्टर का कार्यक्रम होगा। 29 को एक हजार किसान ट्रेक्टर से संसद भवन जाएंगे। टिकैत ने कहा की जब ये कृषि बिल वापस ले लेंगे तो अफवाह भी फैलाएंगे। कहेंगे कि हमने कानून वापस लिए फिर भी किसान वापस नहीं मान रहे, लेकिन ये नही बताएंगे कितने कानून नए थोप रहे है।