आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पुलिस प्रशासन द्वारा मोहर्रम पर जारी गाइडलाइन की नाराजगी देखी जा सकती है। इस बीच चौक में इमामबाड़े के पास चल रही रजनीकांत अभिनीत फिल्म की शूटिंग का विरोध हुआ। धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास के विरोध के बाद फिल्म की शूटिंग रुकवा दी गई है। उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई कि जब जुलूस, मजलिस व मातम पर रोक है तो शूटिंग क्यों होने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकाल सभी पर लागू होना चाहिए। धर्मगुरु ने कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं होने का आरोप लगाया।
गौरतलब हो कि शूटिंग के कारण सुबह से ही चौक के कुछ इलाकों में डायवर्जन किया गया था। इससे लोगों को आने-जाने में दिक्कतें हो रही थीं। आसपास के लोग परेशान थे। मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि इमामबाड़े के बाहर जहां शूटिंग चल रही थी, वहां सैकड़ों लोग जुटे थे, जिससे कोविड प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन हो रहा था।
शूटिंग पर उन्होंने सवाल उठाया कि इस समय जब इमामबाड़े में मजलिस और मातम को रोका जा रहा है तो शूटिंग की अनुमति कैसे दी गयी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहाकि कांवड़ यात्रा और मोहर्रम से कोरोना फैलने की आशंका है, लेकिन राजनीतिक रैलियों व फिल्म शूटिंग से क्या संक्रमण नहीं फैलेगा? उन्होंने दोहरा मापदंड अपनाये जाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि कोरोना के नाम पर ताजिया बनाने वालों का भी उत्पीड़न किया जा रहा है, ताजिया नहीं बनाने दिए जा रहे हैं।
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फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर इकबाल जाफरी ने बताया कि विरोध के बाद शूटिंग बंद करवा दी गई। शूटिंग में शामिल लोगों ने कोविड टेस्ट करवाया है और प्रोटोकॉल का भी पालन हो रहा है। जब कोरोनो प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है तो संक्रमण का खतरा नहीं है। सारी अनुमतियों के बाद ही शूटिंग की जा रही थी। शिकायत सरकार से की जानी चाहिए। साथ ही कहा कि फिल्म शूटिंग से राजधानी में सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलता है।