आरयू वेब टीम। नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को राहुल गांधी को बुलाकर पूछताछ की। वहीं मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी दिल्ली समेत देशभर में धरना प्रदर्शन किया। इसी क्रम में आज लखनऊ में भी कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आज लखनऊ में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं का हुजूम पार्टी कार्यलय पर पहुंचा।
वहीं पुलिस अफसरों ने पहले ही कांग्रेस कार्यालय पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जबरन हिरासत में लिया है। पुलिस वैन पर चढ़ते हुए कार्यकर्ता सोनिया गांधी और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कांग्रेसजनों द्वारा ईडी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए कांग्रेस कार्यालय को पुलिस छावनी में उत्तर प्रदेश सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये के चलते तबदील कर दिया गया था, ताकि ईडी कार्यालय पर कोई पहुंच न सके।
यह भी पढ़ें- क्रॉस वोटिंग करने वाले कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कांग्रेस का एक्शन, सभी पदों से किया निष्कासित
जगह-जगह कांग्रेसजनों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था, जबकि कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ एवं मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित तमाम नेताओं को हाऊस अरेस्ट कर लिया गया था, जिसकी कांग्रेस पार्टी कठोर निन्दा करती है। क्योंकि धरना-प्रदर्शन लोकतंत्र में किसी भी राजनैतिक दल का अधिकार है। सरकार एवं प्रशासन के तमाम रोक के बावजूद भारी संख्या में कांग्रेसजनों ने ईडी आफिस पहुंच कर धरना-प्रदर्शन किया।
आवाज दबाने के लिए सरकार संस्थानों का कर रही उपायोग
कृष्णकान्त ने आगे बताया कि जनता की आवाज बनकर सरकार के जनविरोधी कार्यों को केवल कांग्रेस, सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी ही उठाते हैं। उनकी आवाज को दबाने के लिए सरकार संस्थानों का उपायोग कर रही है, लेकिन कोई भी सरकार का हथकंडा इस आवाज को नहीं दबा सकता। साथ ही कहा कि जिस केस में समन हुआ है वह एक नॉन प्राफिटेबल संस्था है, जिसमें प्राफिट का सवाल ही नहीं पैदा होता। ऐसे में मनी लॉडरिंग का केस कैसे बन सकता है? जहां धन का ही मामला नहीं है, वहां शोधन कैसे? आजादी की लड़ाई में देश की आवाज बनकर नेशनल हेरल्ड न्यूज पेपर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह समाचार-पत्र और कांग्रेस को अलग भी नहीं किया जा सकता। अंग्रेजों को उखाड़ फैकने में इन्हीं का योगदान है। आज सरकार में बैठे लोग इसे इसलिए नहीं समझ सकते, क्योंकि इनका दूर-दूर तक आजादी के योगदान से कोई लेना-देना नहीं है।
दुर्भावनावश गलत तरीके से परेशान करने
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे बताया कि भाजपा सरकार द्वारा लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, अराजकता, भ्रष्टाचार से हटाने के लिए कांग्रेस के नेताओं के ऊपर दुर्भावनावश गलत तरीके से परेशान करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन कांग्रेस सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका जी सहित सारे नेता जनता की आवाज बनकर लड़ते रहेंगे।
बता दें कि पुलिस ने पहले लखनऊ के हुसैनगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय पर नोटिस लगा दिया था। नोटिस में पुलिस ने पहले की इस बात की जानकारी दे दी थी कि शहर में किसी भी तरह की प्रदर्शन की अनुमति पार्टी के नेताओं की ओर से नहीं ली गयी है। अगर कांग्रेस के नेता प्रदर्शन और मार्च निकालते हैं तो पुलिस उनपर आवश्क कार्रवाई करेगी। इस संबंध में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) कमिश्नरेट लखनऊ द्वारा जनपद लखनऊ में पूर्व से ही धारा 144 तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल, विधायक वीरेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक सतीश अजमानी, अखिलेश प्रताप सिंह, अम्बिका सिंह, अमरेश चंद्र पांडेय, श्याम किशोर शुक्ला, विश्वविजय सिंह, शरद मिश्रा व दिनेश सिंह समेत तमाम नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें।