कांग्रेस ने कहा, जहरीली शराब से हुई मौतों ने मुख्‍यमंत्री को फिर साबित कर दिया अक्षम व अनुभवहीन

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डॉ. उमा शंकर पांडेय। (प्रदेश प्रवक्ता , कांग्रेस)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में हाल के दिनों में विभिन्‍न जनपदों में हुई जहरीली शराब से मौतों के मामलों को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधा है। साथ ही कहा कि इन मौतों पर भाजपा सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा और न ही इन चार वर्षों में शराब के अवैध कारोबारियों पर लगाम ही लगाई, जिसका नतीजा है कि अभी एक सप्ताह भी नहीं बीते कि प्रयागराज में 12 लोगों की जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद अब चित्रकूट में जहरीली शराब ने चार लोगों की जिन्दगियां छीन लीं। बेगुनाह लोगों की मौतों ने एक बार फिर उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री को अनुभवहीन व अक्षम साबित कर दिया है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्‍ता डॉ. उमा शंकर पाण्डेय ने योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण तो ये है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आए दिन अवैध शराब पर जिलों के डीएम और एसपी पर निलंबन तक की कार्रवाई करने की बात तो करते हैं, लेकिन नतीजा ये है कि चार वर्षों में सैंकड़ों की संख्या में हुई मौतों पर एक भी जिलाधिकारी पर न तो कार्रवाई हुई और न ही उस जनपद के एसपी पर कोई कार्रवाई की गयी। आज प्रदेश की जनता योगी सरकार की अक्षमताओं और विफलताओं का नतीजा भुगत रही है और जानें गंवा रही है। योगी सरकार के बड़े बड़े दावे सिर्फ हवाहवाई साबित हो रहे हैं।

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कांग्रेस प्रवक्‍ता ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक के बाद एक जनपद में लगातार जहरीली शराब से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है और इस कारोबार में स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार में बैठे लोगों का संरक्षण इन अवैध शराब के सिंडीकेट को प्राप्त है, यही कारण है कि कोई ठोस कार्रवाई के बजाय सरकार सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित है। सरकार बताए कि वह जहरीली शराब के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों कतरा रही है? सरकार यह भी बताये की अवैध शराब के कारोबारियों को संरक्षण देने वालों के खिलाफ योजनाबद्ध कार्रवाई कब करेगी?

हमला जारी रखते हुए उमा शंकर ने कहा कि आज योगी सरकार में नागरिकों के जीवन का मूल्य शून्य हो गया है। इसीलिए सैंकड़ों मौतों के बावजूद संवेदनहीन बनी सरकार कठोर कार्यवाही के बजाए बातों और निर्देशेां से काम चला रही है। कुछ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके पर्दा डालने का काम किया जा रहा है। साथ ही कहा कि जहरीली शराब से अनाथ होने वाले परिवारों के भरण पोषण की नैतिक जिम्मेदारी सरकार की बनती है। सरकार ऐसे पीड़ित परिवारीजनों को समुचित आर्थिक मुआवजा प्रदान करे।

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