सर्वे पर बोलीं प्रियंका, अमीर-गरीब के बीच गहरी हो रही खाई, प्रधानमंत्री छुईमुई सा बर्ताव कर भटका रहें मुद्दों से ध्‍यान

अमीर गरीब के बीच खाई

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अमीर व गरीबों के बीच लगातार खाई गहरी होती जा रही है। देश में शीर्ष पर बैठे धन्‍नासेठ जहां लगातार और अमीर होते जा रहें वहीं गरीब लगातार तेजी से और गरीब हो रहा। एक रिपोर्ट में हाल ही में सामने आई इस हकीकत ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। वहीं कांग्रेस की राष्‍ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा है कि अमीर और गरीब के बीच लगातार खाई गहरी होती जा रही है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यप्रणाली को लेकर अलोचना होती है तो वह खुद छुईमुई जैसा बर्ताव करने लगते हैं और जनता का ध्‍यान असली मुद्दों से भटका देते हैं ऐसे में अब जनता को ही सोचना होगा।

प्रियंका ने आज आइएलओ की एक सर्वे रिपोर्ट भी एक्‍स पर पोस्‍ट की है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में नियमित कर्मचारियों की मासिक आय लगातार घट रही है। 13 साल पहले यानि साल 2011 में 12100 महीने कमाने वाला आदमी साल 2022 में मात्र 10925 रुपये ही महीने में कमा पा रहा है, जबकि इस बीच पेट्रोल-डीजल व राशन समेत अन्‍य सामानों के दाम में करीब दुगाने की बढ़ोतरी हो चुकी है।

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इस रिपोर्ट के साथ ही कांग्रेस महासचिव ने गुरुवार को कहा कि देश में अमीर और अमीर होता जा रहा, जबकि गरीब जैसे किसी गहरी खाईं में गिरता जा रहा है। चीजों के दाम में आग लगी हुई है। रोज की कमाई से खाने-पीने का सामान तक जुटा पाना मुश्किल है। साल 2012 में जो नियमित कर्मचारी हर महीने औसतन 12 हजार रुपये कमाते थे, दस साल बाद उनकी कमाई बढ़ने की जगह और घट गई।

दुनिया समय के साथ आगे, हम पीछे जा रहे

प्रियंका ने सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया समय के साथ आगे बढ़ती है, मगर हम पीछे जा रहे हैं। क्यों? प्रधानमंत्री जी महल के अंदर अपने काल्पनिक दुखों से परेशान हैं। राजनीतिक आलोचना होने पर वे लगभग छुईमुई जैसा बर्ताव करते हैं। ऐसा करके वे असली मुद्दे से ध्यान भटका देते हैं और करोड़ों जनता की पुकार अनसुनी रह जाती है।

समाधान निकालने की जगह अपने पद की सारी शक्ति…

आगे प्रियंका ने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि अब आपको ही सोचना है कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति ही जनता के असली सवालों का समाधान निकालने की जगह अपने पद की सारी शक्ति उन सवालों को उठा रहे विपक्ष पर राजनीतिक हमले करने में ही लगा दे तो देश किधर जाएगा? यह विचार करने और जागरूक बनने का समय है।

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