आरयू ब्यूरो, लखनऊ/कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। जहां थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम ने बुलडोजर चलाकर एक झोपड़ी को तोड़ दिया। इसी दौरान झोपड़ी में आग लग गई और मां-बेटी की जलकर सबके सामने ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए इस मामले में एसडीएम, लेखपाल, एसएचओ समेत आठ नामजद व करीब दो दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या व अन्य गंभीर धारा में मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक के परिजनों की शिकायत पर अधिकारियों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज की गई है। कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा एसओ दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, जेसीबी ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के निवासी अशोक, अनिल, निर्मल और विशाल शामिल हैं। वहीं इन लोगों के अलावा दस से 12 अज्ञात लोगों, तीन लेखपाल और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
मृतक प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित की तहरीर पर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, एसओ रूरा दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, कानूनगो, मड़ौली गांव के अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल दीक्षित, विशाल, जेसीबी आपरेटर दीपक, तीन अन्य लेखपाल अज्ञात और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिस कर्मी आईपीसी की धारा 302, 307, 436, 429, 323, 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। घटना के बाद आरोपितों को पुुुलिस फरार बता रही है। परिजन व अन्य ग्रामीण आरोपितों को हत्यारा व दोषी बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर अपना गुस्सा निकाल रहें हैं।
ये है मामला-
बता दें कि मड़ौली गांव में सोमवार को एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, एसओ रूरा दिनेश कुमार गौतम, कानूनगो, लेखपालों की टीम लेकर कृष्णगोपाल दीक्षित की झोपड़ी हटाने पहुंचे थे। कृष्ण गोपाल का परिवार इसका विरोध कर रहा था। एसडीएम ने झोपड़ी के बाहर बने चबूतरे में जहां शंकर जी का शिवलिंग स्थापित था, उसे तुड़वा दिया। इसके बाद जेसीबी झोपड़ी की तरफ बढ़ी। तभी अचानक झोपड़ी में आग लग गई, जिसे बुझाने के बजाए जेसीबी से छप्पर को गिरा दिया, जिससे आग और भयावह हो गई।
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वहीं अंदर मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54), बेटी शिवा उर्फ नेहा (22) और 23 बकरियां जलने लगीं। ये देख राजस्व और पुलिस टीम ने उन्हें बचाने की कोशिश करने के बजाय भागने लगे। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ा लिया। इस बीच मां-बेटी और बकरियों की जलकर मौत हो गई। कमिश्रर राजशेखर, एडीजी आलोक सिंह, मौके पर पहुंचे। परिजन से घटना की जानकारी लेने के बाद दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने की बात कही। परिजन एफआई दर्ज कराने की जिद पर अड़े रहे।