बोलीं मायावती, महिलाओं के प्रति दिखावटी है कांग्रेस व भाजपा का रवैया, BSP सरकार के प्रयासों को भुना रहीं पार्टियां

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा महिलाओं को लेकर तमाम चुनावी वादे किए जाने के बाद उत्‍तर प्रदेश की राजनीत में लगातार महिलाओं के हित व अधिकारों की बात हो रही है। रेप के मामलों में उलझे तमाम नेताओं को अपने सीने से चिपकाने के बावजूद राजनीतिक पार्टियां खुद को महिलाओं का सबसे बड़ा हितैषी बताने में लगीं हैं। कांग्रेस समेत लगभग सभी राजनीतिक दलों की ओर से आए दिन महिलाओं के अधिकारों को लेकर दावे किए जा रहें हैं।

इस राजनीतिक माहौल के बीच बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी पार्टी को महिलाओं का न सिर्फ सबसे बड़ा हितैषी बताया है, बल्कि कांग्रेस व भाजपा द्वारा हाल ही में महिलाओं के समर्थन किए गए चुनावी वादों को दिखावटी बताते हुए यहां तक कह दिया है यह दोनों ही पार्टियां पिछली बसपा सरकार में किए गए उसके प्रयासों को भुनाने में लगी है। मायावती के इस आरोप का कांग्रेस व भाजपा कैसे जवाब देगी यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन अब हम आपको बताते है कि आखिरकार मायावती ने अपनी बात को किस तरह से रखा है।

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सोशल मीडिया पर खासी सक्रिय रहने वाली मायावती ने आज इस बारे में एक के बाद एक कर तीन ट्विट किए हैं। पहले ट्विट में मायावती ने बसपा को संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के नक्‍शेकदम पर चलने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है किंतु वह अभी भी काफी अधिकारों से वंचित हैं, जबकि उन्हें कानूनी अधिकार देकर सशक्‍त बनाने के लिए बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर का काफी योगदान रहा है और अब बीएसपी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलने वाली पार्टी है।

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मायावती ने अगले ट्विट में कहा कि कांग्रेस व भाजपा आदि की महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति लगभग एक जैसी ही धारणा है व इनका रवैया ज्यादातर दिखावटी ही होता है, जबकि बीएसपी सरकार में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक आत्मनिर्भरता के लिए काफी प्रयास किए, जिन्हीं को अब विरोधी पार्टियां भुना रहीं हैं।

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वहीं अपने अंतिम ट्विट में मायावती ने बसपा की एक मांग उठाने के साथ ही कहा कि महिलाओं को सशक्‍त व आत्मनिर्भर बनाने में कांग्रेस की तरह भाजपा भी गंभीर नहीं है। लोकसभा व विधानसभाओं में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का मामला सालों से लंबित होना इसका जीता-जागता प्रमाण है तथा इनका यह आरक्षण जरूर लागू होना चाहिए, बीएसपी की यह मांग है।

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