आरयू ब्यूरो, लखनऊ। महोबा में इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल ने इसकी जांच उच्च न्यायालय के जज से कराने के साथ ही पुलिस कप्तान व डीएम पर कार्रवाई की मांग की है। रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दु्बे ने कहा कि सरकार आरोपित जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान पर प्रभावी और तात्कालिक कार्यवाही करने में इतनी ढिलाई क्यों दिखा रही है? जबकि वायरल वीडियो तथा स्थानीय साक्ष्यों के आधार पर तत्कालीन एसपी और थानेदारों को जेल में होना चाहिये।
आज अपने बयान अनिल दुबे ने कहा कि इस स्पष्ट हत्याकांड में सरकार द्वारा एसआइटी गठित करने से सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं एक तरफ तो सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कर रही है दूसरी तरफ आइपीएस अधिकारियों की एसआइटी गठित कर घटना की जांच कराना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि एक आइपीएस दूसरे आइपीएस की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता है साथ ही अनावश्यक विलम्ब से साक्ष्यों को भी मिटाने व अथवा कमजोर करने का कुचक्र रचने की सम्भावना है। इस जघन्य हत्याकांड की जांच उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारा कराने से अपराधियों की कलई खुल जायेगी और पीडि़त परिवार को इंसाफ मिल सकेगा।
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बता दें कि कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने बीते सोमवार को एक वीडियो बनाकर वायरल किया था। जिसमें उन्होंने आइपीएस मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि एसपी झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं, मुझ पर कभी भी हमला करवा सकते हैं।
दूसरे ही दिन इंद्रकांत को गोली मार दी गई थी। जिसके बाद उनको कानपुर रीजेंसी अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। शुरू से ही उनकी हालत नाजुक थी। एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि रविवार शाम करीब सात बजे इंद्रकांत की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।