मालदीव-श्रीलंका के पास हिंद महासागर में गिरा चीनी रॉकेट का मलबा, टला बड़ा खतरा

चीनी रॉकेट का मलबा
प्रतीकात्मक फोटो।

आरयू इंटरनेशनल डेस्क। चीन के अनियंत्रित हुए रॉकेट ‘लॉन्ग मार्च’ का मलबा रविवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और इसके मालदीव के पास हिंद महासागर में गिरने की खबर है। देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने इसकी जानकारी देते हुए लोगों और सरकारों के उन सवालों का जवाब दे दिया कि इस रॉकेट का मलबा कब और कहां गिरेगा।

चीन के ‘मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग’ कार्यालय ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के अवशेष बीजिंग के समयानुसार 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गए और वे 72.7 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश में समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिरे।

‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने बताया कि ज्यादातर अवशेष पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश के दौरान ही जल गए। चीन ने इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने तियांगोंग स्‍पेस स्‍टेशन का पहला हिस्‍सा भेजा था। इस रॉकेट में 29 अप्रैल को दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान में विस्फोट हो गया था।

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इससे पहले पेंटागन ने मंगलवार को कहा था कि वह चीन के उस विशाल रॉकेट का पता लगा रहा है जो नियंत्रण से बाहर हो गया और उसके इस सप्ताहांत तक पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने की संभावना है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस हफ्ते मीडिया को बताया था कि रॉकेट के अवशेष जब पृथ्वी की वायुमंडल में प्रवेश करेंगे तो वे जल जाएंगे। चीन आगामी हफ्तों में अपने अंतरिक्ष केंद्र कार्यक्रम के लिए और रॉकेट भेज सकता है क्योंकि उसका उद्देश्य अगले साल तक इस परियोजना को पूरा करने का है।

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