आरयू ब्यूरो, वाराणसी। वाराणसी समेत पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बन चुके दो लाख के ईनाम बदमाश मनीष सिंह ऊर्फ सोनू को एसटीएफ की टीम ने आखिरकार मार गिराया है। लोहता इलाके के समसीपुर बनकट अंडर पास के आज दिनदहाड़े मनीष सिंह से मुठभेड़ के बाद एसटीएफ के हाथ यह बड़ी सफलता लगी है। एसटीएफ को मनीष सिंह की लाश के पास से नाइम एमएम की कारबाईन के अलावा एक पिस्टल व करीब तीन दर्जन कारतूस व खोखे मिलें हैं।
वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट व आसपास के जिलों की पुलिस के लिए सिरदर्द व चुनौती बनें मोस्ट वांटेड मनीष पर एक नेशनल न्यूज पेपर के पत्रकार एनडी तिवारी की हत्या समेत लूट, डकैती, हत्या का प्रयास व अन्य संगीन धाराओं में 33 मुकदमें दर्ज थे। लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी मनीष सिंह पर यह मुकदमें वाराणसी के अलावा मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, सीतापुर व शाहजहांपुर के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। मनीष के मारे जाने के बाद जहां पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं यह भी समझा जा रहा है कि वाराणसी में आपराधिक घटनाओं में भी इस एनकाउंटर से कमी आएगी।
लगातार दे रहा था पुलिस को चकमा
मनीष की पुलिस को काफी समय से तलाश थी, लेकिन पांच अप्रैल 2021 को मनीष ने रोहनिया क्षेत्र के अखरी निवासी एनडी तिवारी की शूलटंकेश्वर महादेव से दर्शन कर घर लौटते समय ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या के बाद पुलिस तेजी से उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन खूंखार के साथ ही शातिर भी होने के चलते मनीष लगातार वाराणसी की पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो रहा था।
मनीष ने चलाई गोलियां, एसटीएफ ने कर दिया ढेर
एसटीएफ के एएसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आज दोपहर मुखबिर से एसटीएफ को सूचना मिली थी कि बनकट अंडरपास के पास से होते हुए मनीष जंसा की ओर जाने वाला है, जिसपर एसटीएफ के इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव व पुनीत परिहार की टीम के साथ अंडरपास के पास घेराबंदी की गयी थी। दोपहर करीब दो बजे मनीष को बाइक से उधर से गुजरते देख टीम मोटरसाइकिल रोकने की कोशिश करती है तो बाइक पर पीछे बैठे मनीष ने कारबाइन से एसटीएफ के जवानों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ की गोली लगने से मनीष वहीं गिर पड़ा, जबकि उसका साथ बाइक समेत भाग निकला। जिसके बाद मनीष को पंडित दीनदयाल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही मौके से फरार मनीष के साथी का पता लगाया जा रहा है।
सनीं सिंह के मारे जाने ने के बाद और बढ़ा था मनीष का आतंक
वहीं बताया जा रहा है कि मनीष सिंह एक कुख्यात बदमाश था। लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी अनिल सिंह का बेटा मनीष बचपन से चोलापुर के उंदी गांव में अपने एक रिश्तेदार के यहां रहता था। सोनू शुरू से ही आपराधिक मानसिकता का था। पूर्व में हुई मुठभेड़ में वाराणसी के शातिर बदमाश सनी सिंह के मारे जाने के बाद मनीष सिंह खुलकर वाराणसी सहित आसपास के कई जनपदों में व्यापारियों को धमकी देकर रंगदारी मांगने के मामलें में जुट गया। पहले सोनू पर एक लाख का इनाम घोषित था, जिसे 28 अगस्त को चौकाघाट काली मंदिर के पास हुए डबल मर्डर की घटना में सीसीटीवी फुटेज में मनीष के चिह्नित होने के बाद एडीजी वाराणसी जोन बृजभूषण की संस्तुति के बाद दो लाख का इनाम कर दिया गया था। तब से वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस व एसटीएफ की टीम उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
पत्रकार की हत्या करने के साथ ही मनीष का नाम रोहनियां के एक व्यापारी से दस लाख की रंगदारी मांगने में भी सामने आया था। वाराणसी के अलावा सितंबर 2020 में भी मीरजापुर के चुनार में एक कंपनी के अधिकारी से रंगदारी मांगने और हत्या के मामले में भी मनीष की पुलिस को तलाश थी।