‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा, विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की महिलाओं ने चुना अलग रास्‍ता

'मन की बात'
पीएम मोदी। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 62वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बिहार के साथ ही कई अन्‍य मुद्दों पर बात की। मन की बात में बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना।

पहले इस इलाके की महिलाएं, शहतूत या मलबरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थीं, जिसका उन्हें बहुत मामूली दाम मिलता था। आज पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तस्वीर ही बदल कर के रख दी। इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से मलबरी-उत्पादन समूह बनाए। इसके बाद उन्होंने कोकून से रेशम के धागे तैयार किये फिर उन धागों से खुद ही साड़ियां बनवाना शुरू कर दिया जो अब हजारों रुपयों में बिक रही हैं।

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वहीं पीएम ने कहा कॉप कन्वेनशन पर हो रही इस चर्चा के बीच मेरा ध्यान, मेघालय से जुड़ी एक अहम जानकारी पर भी गया। हाल ही में बायोलॉजिस्ट्स ने मछली की एक ऐसी नई प्रजाति की खोज की है, जो केवल मेघालय की गुफाओं के अंदर पाई जाती है। माना जाता है कि यह मछली गुफाओं में जमीन के अंदर रहने वाले जल जीवों की प्रजातियों में से सबसे बड़ी हैं। पीएम ने कहा कि यग मछली ऐसी गहरी और अंधेरी, गुफाओं में रहती हैं जहां रोशनी भी शायद ही पहुंच पाती है।

साथ ही मोदी ने देश के बच्चों और युवाओं के तकनीक के प्रति रूचि रखने को लेकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इन दिनों बच्चों और युवाओं में विज्ञान और तकनीक के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है। अंतरिक्ष में रिकॉर्ड सैटेलाइट लॉन्च, नये-नये रिकॉर्ड, नये-नये मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं। जब मैं चंद्रयान 2 के समय बेंगलुरु में था तो मैंने देखा था कि वहां बच्चों में बहुत उत्साह है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 31 जनवरी 2020 को लद्दाख की खूबसूरत वादियां, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी। लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया।

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