आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। विरोधी दलों की कार्यप्रणाली के खिलाफ आज उपवास कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के नेताओं पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखा हमला बोला है। गुरुवार को अपने एक बयान में मायावती ने पीएम और बीजेपी पर जनता के साथ झूठें वादों के जरिए छल करने के बाद उपवास की पवित्रता को भंग करने व उसका उपहास बनाने बनाने का आरोप लगाया है।
साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्नाव में गैंगरेप और किशोरी के पिता की हत्या के बाद भी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सलाखों के पीछे नहीं भेजने को लेकर भी योगी सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए गैंगरेप कांड को दबाने का आरोप भी लगाया।
मायावती ने उपवास की अहमियत बयान करते हुए कहा कि उपवास सरकारी गैर-जिम्मेदारी, उसकी निरंकुशता व अहंकार आदि के खिलाफ पीड़ित व त्रस्त जनता के लिए संघर्ष का एक हथियार है। उसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अगर आज उपवास रखने का राजनीतिक फैसला किया है, तो उन्हें लखनऊ के पड़ोसी जिले उन्नाव से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की काली करतूतों के खिलाफ पश्चाताप का उपवास वाराणसी के गंगा तट पर करना चाहिए था।
वाराणसी के बारे में तर्क देते हुए मायावती ने आगे कहा कि यूपी पुलिस संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद भी बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी नहीं कर रही है और इस प्रकार वास्तव में उत्तर प्रदेश में ऐसे व्यापक जंगलराज के लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि नरेंद्र मोदी यहां से सांसद भी हैं।
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बसपा सुप्रीमो ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली को निशाने पर लेते हुए कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार करने की जगह अचानक सीबीआइ जांच कराने का फैसला कर लेने से ये आशंका और बढ़ गयी है कि इतने गंभीर व सनसनीखेज मामले को भी मध्य प्रदेश के व्यापम महाघोटाला जैसे दूसरे कांडों की तरह दबा दिया जाएगा।
भाजपा सरकार ने नहीं चलने दिया संसद
इसके साथ ही भाजपा के उपवास कार्यक्रम को चोरी के बाद सीनाजोरी बताते हुए मायावती ने कहा कि बैंक महाघोटालों, दलितों का घोर उत्पीड़न व लोकसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आदि के संबंध में जवाबदेही से बचने के लिए ही मोदी सरकार ने बात-बात पर संसद स्थगन कराकर संसद नहीं चलने दिया।