आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया है। खासकर लागू करने के समय को लेकर मोदी सरकार की मंशा के प्रति विपक्षी दल सवाल उठा रहें हैं। आज इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार को सलाह दी है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएए लागू करने की जगह इसके प्रति जनता की आशंकाओं को दूरी करे। वहीं राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोदी सरकार के इस फैसले को न सिर्फ जनविरोधी, बल्कि घिनौनी साजिश भी बताया है।
मायावती ने आज इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को ठीक चुनाव से पहले लागू करने की जगह इसे लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता।
यह भी पढ़ें- BSP से निलंबन पर बोले दानिश अली, “बसपा नहीं, जनविरोधी भाजपा सरकार का किया विरोध, आगे भी करूंगा”
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्या ने सीएए को लेकर सीधे मोदी सरकार पर हमला बोला है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि नागरिकता संसोधन विधेयक कानून लागू करना केंद्र सरकार का जन विरोधी निर्णय है, जो आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी भी है।
कारोड़ों को नागरिकता से वंचित करने की घिनौना CAA
उन्होंने यह भी आज दावा किया कि सैकड़ों सालों से जंगलो में रहने वाले आदिवासियों तथा घूमन्तु जनजातियों, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलित, पिछड़े, गरीब, वंचित व अल्पसंख्यको के पास आज भी राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं है। इस कानून के माध्यम से ऐसे करोड़ों लोगों को प्रताड़ित करने व कब्जे से बेदखल कर नागरिकता से वंचित करने की घिनौना साजिश है। इस जन विरोधी कानून की मैं घोर निंदा करता हूं।