अखिलेश की मांग, लॉकडाउन में पैदल घर लौटते हुए रास्ते में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजन को मुआवजा दे सरकार

सरकार की गलत नीतियां
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान रोजगार बंद होने पर भारी संख्‍या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। इस बीच कई मजदूरों की जान चली गई। जिसे लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से रास्‍तें में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने आज अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि घर लौट रहे जिन लोगों की रास्ते में मृत्यु हो गयी है, सरकार शवों की पहचान कर स-सम्मान उन्हें उनके घरों तक पहुंचाए व 25 लाख की राशि भी दें।

वहीं अपने एक अन्‍य ट्वीट में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं-समर्थकों से अपील है कि वो समाजवादियों की जन-जन की सहायता करने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी-अपनी क्षमता-सामर्थ्य के अनुसार अपने आस-पास भटक रहे लोगों के भोजन, दवाई, इलाज व विश्राम की व्यवस्था करके यथा संभव मदद करें। यही सच्चा पुण्य-सवाब है।

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गौरतलब है कि दिल्ली से मुरैना जाने के लिए निकले एक मजदूर की 200 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद मौत हो गई। जो दिल्ली में टिफिन डिलिवरी का काम करता था। परिवार के मुताबिक, मौत से कुछ देर पहले ही उसने अपनी बहन को फोन करके ये कहा था कि उसकी तबीयत बिगड़ गई है। ये तो केवल बानगी भर है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से लोग पैदल ही गांवों की तरफ जाने के लिए मिलों का सफर कर रहे हैं। ऐसे में कई  मजदूर रास्‍ते में हादसे का शिकार हो गए तो कुछ ने रास्‍ते में ही दम तोड़ दिया।

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