आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर जारी है। वहीं मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल ने किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा है कि मोदी सरकार ने संसद में काले कृषि कानूनों को पास कराकर अपनी क्रूरता का परिचय दिया है, जिसे इतिहास में याद रखा जाएगा, जबकि देशभर के किसान 102 दिनों से लगातार दिल्ली के बार्डरों पर तथा देश के विभिन्न हिस्सों में काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहें हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि लेकिन पूंजीपतियों के हितों में सर झुकाने वाली सरकार ने किसानों के साथ वार्ता के नाम पर केवल भद्दा मजाक किया है। किसानों की आय दुगुनी करने का लॉलीपाप दिखाने वालों ने पिछले चार सालों से गन्ने का मूल्य एक रूपया भी नहीं बढ़ाया, जबकि लागत मूल्य दुगुना हो चुका है। यहां तक कि गन्ना किसानों का पिछले सत्र का गन्ना मूल्य लगभग 15000 करोड रूपया बकाया है और नये सत्र का गन्ना भी बिना भुगतान पाये गन्ना किसान मिलों तक गन्ना पहुंचाने के लिए मजबूर हैं।
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आज अपने बयान में रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के प्रयासों का जिक्र करते हुए मसूद अहमद ने मीडिया से कहा कि जयंत चौधरी लगातार किसान पंचायतों के माध्यम से यूपी में किसानों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहें हैं, लेकिन देश की गूंगी-बहरी सरकार अडानी अंबानी के लिए कालीन बिछाने में व्यस्त है।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी जैसे शब्दों से अपमानित करने का कुत्सित प्रयास किया गया है जिसे किसान तो क्या देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
15 मार्च को होगी किसानों की महापंचायत
जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसान पंचायतों की कड़ी में अगामी 15 मार्च को रालोद अंबेडकरनगर के टांडा स्थित इनामियापुर बाग किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। इसमें किसानों और युवाओं के हृदय की धड़कन जयंत चैधरी मुख्य अतिथि होंगे।
इसके बाद बरेली में 17 मार्च तथा प्रयागराज में 20 मार्च को किसान पंचायत आयोजित होंगी। इन पंचायतों में केंद्र और यूपी की डबल इंजन की सरकार के किसान विरोधी चरित्र को उजागर किया जायेगा।