आरयू ब्यूरो, लखनऊ। फ्रांस हमले को जायज ठहराने वाले शायर मुनव्वर राना के बयान के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई है। शायर के खिलाफ आइपीसी की धारा 153-ए 295-ए 298 505 (1) बी 505 (2) के अलावा आइटी एक्ट की धारा 67 व 68 के तहत दरोगा दीपक कुमार पांडये की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं केस दर्ज होने के बाद सोमवार को मुनव्वर राना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे पास जो कलम है वह सच लिखने के लिए है, पाजामे में नाड़ा डालने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जेल जाना पसंद करेंगे और जेल में ही मरना, लेकिन अपने बयान पर कायम रहेंगे।
मुनव्वर राना ने आगे कहा कि मुझे इस एफआइआर के बारे में जानकारी नहीं है अगर मुझे पता होता तो मैं खुद थाने चला जाता। मुझे नहीं मालूम था, अभी मुझे किसी ने दिखाया कोई दीपक पांडेय नाम का दरोगा है, जिसने मेरे ऊपर यह एफआइआर दर्ज करवाई है। मैं किसी दीपक पांडेय नाम के दरोगा को नहीं जानता और जिस भी दरोगा ने यह मेरे खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है मुझे पता है यह हाईस्कूल फेल नकल करके पास होने वाले दरोगा है।
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साथ ही शायर राना ने कहा कि मैं अपने बयान पर आज भी कायम हूं मैंने सियासत पर कभी अपना दल नहीं बदला। मुनव्वर ने आगे कहा कि कुछ शायर को कभी सरकार से वजीफा या पैसा चाहिए होता है। वह ऐसे बयान की निंदा करते रहते हैं। हमें तो सरकार से कुछ नहीं चाहिए।
बताते चलें कि मुनव्वर राना ने फ्रांस में हुए हमले को सही ठहराते हुए उसका बचाव किया था। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर उस युवा को इतना मजबूर किया गया कि वह किसी का कत्ल कर बैठा। अगर उस छात्र की जगह मैं रहा होता तो मैं भी कत्ल कर बैठता। बात पैगंबर साहब की ही नहीं है कोई अगर भगवान राम का विवादित कार्टून बनाता तो भी मैं यही करता।
गौरतलब है कि राना के इसी बयान के चलते रविवार रात उनके खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है।