आरयू वेब टीम। लॉकडाउन तीन मई तक जारी रखने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के कुछ घंटें बाद ही आज देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इसे हजारों प्रवासी मजदूरों ने तोड़ दिया। लॉकडाउन बढ़ाए जाने से नाराज प्रवासी मजदूरों की भीड़ आज शाम करीब चार बजे बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास पहुंची और नारेबाजी करते हुए अपने गृह जनपद भेजने की मांग करने लगी। इस बीच सूचना लगते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने हल्क बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर करने के साथ ही इलाके के सभ्रांत लोगों की सहायता से उन्हें काबू में किया।
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शाह ने की सीएम से बात
मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को फोन कर बांद्रा में जमा भीड़ पर चिंता व्यक्त की। अमित शाह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत को कमजोर करती हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सजग रहना जरूरी है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अपना पूरा समर्थन देने की बात कही।
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इसके लिए संघ सरकार जिम्मेदार
वहीं मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन और गुजरात के सूरत की स्थिति बराबर है। इसके लिए संघ सरकार जिम्मेदार हैं। केंद्र द्वारा प्रवासी श्रमिकों के घर वापस जाने की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होने का यह परिणाम है। दरअसल, ये भोजन या आश्रय नहीं, घर वापस जाना चाहते हैं। राज्य के विभिन्न आश्रय शिविरों में छह लाख से अधिक लोगों को रखा गया है। इनमें से कई अब खाने या रहने से इंकार कर रहे हैं।
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लॉकडाउन बढ़ने से थे दुखी
दूसरी ओज मुंबई पुलिस के पीआरओ प्रणय अशोक ने मीडिया को बताया कि आज शाम चार बजे बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास लगभग 1500 लोग इकट्ठा हुए थे। उनमें से ज्यादातर बाहर से आए प्रवासी मजदूर थे। वह लॉकडाउन बढ़ने से दुखी थे और अपने घरों को वापस जाना चाहते थे। उन्होंने प्रशासन के आगे अपनी मांग रखी।
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स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया, इसलिए उन्हें नियंत्रित करने के लिए हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर किया गया। पुलिस तैनात कर दी गई है, स्थिति सामान्य है।