आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मंगलवार को विधानसभा में आयोजित माध्यमिक शिक्षा विभाग की बैठक में बोर्ड परीक्षा के आयोजन में आ रही दिक्कतों को दूरे करने का खाका खीचने के साथ ही नकल विहीन परीक्षा के लिए अधिकारियों को जरूर निर्देश दिए।
डिप्टी सीएम के आज के निर्देशों को जानकर आप भी कहेंगे कि इसका सही तरीके से पालन हुआ तो सामूहिक नकल कराने वाले शिक्षा मफियाओं की कमर तो टूट ही जाएगी साथ ही किसी का भी नकल करना व दूसरे की जगह परीक्षा देना नामुमकिन होगा।
बैठक में निर्देश देने से पहले दिनेश शर्मा ने कहा कि साल 2019 की बोर्ड परीक्षाएं सात फरवरी 2019 से शुरू होकर मात्र 16 कार्य दिवसों में पूरी हो जाएगी। जो माध्यमिक शिक्षा विभाग के इतिहास पहली बार हो रहा है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से बिना किसी दबाव के काम करने को कहा।
जाने नकल समेत दूसरे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिप्टी सीएम के निर्देश-
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई और पाठ्यक्रम पूरा कराने के लिए अधिकारियों से कहा कि अभियान चलाकर विद्यालयों का निरीक्षण किया जाए। इस दौरान ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करें, जहां पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है तथा बच्चों की विद्यालयों में उपस्थिति कम है। इस प्रकार के विद्यालयों की सूची जिला प्रशासन, निदेशालय एवं शासन को भी उपलब्ध करायें।
पिछले साल की तरह इस बार भी परीक्षा केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण/सत्यापन कराकर परिषद की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करा लिया जाय।
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संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की जांच कर ली जाए। परीक्षा केंद्र निर्धारण में किसी भी प्रकार की अनियमित्ता पर जिला विद्यालय निरीक्षक को सबसे पहले दोषी माना जायेगा।
परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी में वाइस रिकार्डिंग की व्यवस्था करायी जाय।
इसके अलावा इस साल परीक्षार्थियों का नामांकन आधार से लिंक कराने की भी कार्यवाही की जाए, जिससे कि फर्जी परीक्षार्थियों के बैठने पर अंकुश लगाया जा सके।
साल 2018 के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए मानदेय का भुगतान तत्काल करा लिया जाय। नवनिर्मित विद्यालयों का लोकार्पण कराया जाए तथा पठन-पाठन सुव्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित हो।
उत्तर पुस्तिकाओं में डी कोडिंग प्रक्रिया अपनाई जाय। परीक्षा केंद्र में मोबाइल व अवांछित नकल सामग्री पूरी तरह रोकी जाए।
परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतिविधि के लिए विद्यालय प्रबंधक जिम्मेदार होगा।
बालिकाओं के लिए यथासंभव स्वकेंद्र परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाय, किन्तु उस केंद्र के अध्यापकों को दूसरे केंद्रों पर कक्ष निरीक्षक के रूप नियुक्त किया जाय।
केंद्र निर्धारित होने के उपरान्त किसी भी दशा में परिवर्तित नहीं किया जाएगा। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक विशेष रूप से ध्यान देंगे।
जिन विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरा न हो उसे कदापि केंद्र न बनाया जाय।
जनपद स्तर पर एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जाय, जहां पर प्रत्येक केंद्र का पूर्ण विवरण उपलब्ध रहे। प्रत्येक केंद्र जीपीएस से लिंक हो। जिला विद्यालय निरीक्षक समुचित निगरानी की व्यवस्था करे।
केंद्र निर्धारण विसंगति की शिकायत के लिए एक अतिरिक्त ई-मेल आईडी बनाकर उसमें दर्ज आपत्तियों के निराकरण यथासंभव कराया जाय।
बीतों सालों में ब्लैक लिस्ट (डिबार) किए गए विद्यालयों को डिबार अवधि पूर्ण होने पर वर्तमान मानक पूर्ण होने पर ही केंद्र निर्धारित किया जाए।
सभी राजकीय विद्यालयों में शौचालय, स्वच्छ पेय जल, फर्नीचर तथा विद्युत संयोजन का कार्य पूर्ण करा लिया जाय।
इसके अलावा उप मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश देते हुए कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर 2018 तक प्रत्येक विद्यालय, जनपदीय/मण्डलीय विभागीय कार्यालयों में स्वच्छता अभियान चला कर स्वच्छ भारत अभियान में भागीदारी निभायी जाय। शैक्षिक पंचाग के अनुसार ही शिक्षण कार्य कराया जाय।
बैठक के दौरान सचिव माध्यमिक शिक्षा संध्या तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा विनय कुमार पाण्डेय, माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव जयशंकर दूबे समेत शासन तथा निदेशालय के अन्य अधिकारी मौजूद रहें।