आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस के कारण देशभर में जारी लॉकडाउन तीन की अवधि खत्म होने से पहले प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलावार को देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज, आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। वहीं पीएम मोदी ने लॉकडाउन फोर के बारे में बताते हुए कहा कि ये पूरी तरह से नए रंग रूप वाला होगा।
वहीं हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की उसका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।
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इस दौरान मोदी ने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन फोर, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन फोर से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।
वायरस ने दुनिया को कर दिया तहस-नहस
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं। थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। उन्होंने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है।
भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख,सहयोग…
उन्होंने कहा कि विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। इतना ही नहीं भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख,सहयोग और शांति की चिंता होती है। इसके साथ ही हमें सशक्त भी करती है। 21 वीं सदी के भारत इसी दायित्व से पूरा होगा।
भारत में हर रोज बनाए जा रहे दो लाख पीपीई
मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। पीएम ने कहा कि जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।