आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रैलियों और जनसभाओं का दौर शुरू हो गया है। चुनाव में खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने के लिए लाखों की भीड़ जुटाई जा रही। देश में एक तरफ ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ चुनाव प्रचार और जोर-शोर से हो रहा और इस चुनाव प्रचार के दौरान खुलेआम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है। वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। जिसे लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को योगी सरकार से सवाल करते हुए पूछा है कि लाखों की भीड़ से प्राथमिकता ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना या चुनावी शक्ति प्रदर्शन है।
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा, ”रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना- यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है। उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें इमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।”
बता दें कि कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में केंद्रीय चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि वह कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए रैलियों और रोड शो पर रोक लगाएं और अगर मुमकिन है तो चुनावों को भी टाला जाए।
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इससे पहले वरुण गांधी ने कहा था कि गन्ने का मूल्य बढ़ाने का मुद्दा उन्होंने अकेले ही उठाया है। उन्होंने कहा, इस विषय पर बोलने की हिम्मत कोई अन्य सांसद/विधायक नहीं जुटा सके हैं। गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए वरूण ने कहा कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते, लेकिन उन्हें इसका कोई डर नहीं है क्योंकि उनके परिवार ने निर्दलीय भी चुनाव जीता है।