आरयू वेब टीम। भाजपा के बयान कि भविष्य में पार्टी का दरवाजा नीतीश कुमार के लिए बंद हैं, इस पर पलटवार कारते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आगे का चुनाव होगा, तो देखिएगा ये सब लोग बुरी तरह चिंतित हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि वह 2020 में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, उन्हें जबरदस्ती पद पर बिठाया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर अब भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, मर जाना कबूल है, लेकिन उनके साथ जाना हमको कबूल नहीं है। बिहार के सीएम ने कहा कि वह अब सभी विपक्षी दलों का एकजुट करना चाहते हैं, इसमें उनका कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है।
भाजपा के साथ गठबंधन के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, “हम लोगों का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है, मर जाना कबूल है, लेकिन उनके साथ जाना हमको कबूल नहीं है। ये सबको बता देना चाहते हैं, हमको पहले इतने जतन करके गठबंधन में अपने साथ लाए थे, फिर ऐसा कह रहे हैं।” नीतीश कुमार ने कहा, “हम लोग तो अटलजी को मानने वाले हैं, वो कितना अच्छा काम किया। इसके बाद तो हमने इनका साथ छोड़ दिया था। फिर बाद में हमारे पीछे पड़कर साल 2017 में हमें अपने साथ मिला लिया, हालांकि इसके बाद हमें अहसास हो गया था कि ये गलत किया।
इसके बाद 2020 में हम मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे। हमने कहा था कि आपकी सीट ज्यादा हैं, तो आप अपना मुख्यमंत्री बनाइए। सरकार बनने के बाद अलग ही खेल देखने को मिला। हमारे पार्टी के नेता कई बार इस बारे में कहते थे।” बिहार के सीएम ने कहा, “ये लोग भूल गए हैं, जब हम साथ में थे, तब अल्पसंख्यकों का भी वोट इनको मिलना शुरू हो गया था। इसके दम पर ही ये काफी सीट जीतने में सफल रहे थे। फिर इसके बाद जब हम इनसे अलग हो गया, तब इनको कितनी सीट मिली थी? हम अटलजी और आडवाणी जी के समय में इनके साथ थे, तब पार्टी का माहौल अलग था। अब तो इन लोगों ने पार्टी को पूरी तरह से बदल दिया है। देखिए पिछले कुछ समय से देश में क्या-क्या बदल रहा है।”
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नीतीश कुमार ने कहा कि वह विपक्षी दलों की एकता चाहते हैं, उन्हें अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरा निजी कोई स्वार्थ नहीं है, मुझे कुछ नहीं बनना है। हम तो सबके लिए काम करते हैं, राज्य में 17 साल से कर रहे हैं और जब केंद्र में थे, तब भी किया। ये सब भूल रहे हैं कि जब अटलजी की सरकार थी, तब कितना रेलवे का काम हुआ था। अब तो आप सब चीजों को भूल जाएंगे, रेलवे का अलग बजट ही खत्म कर दिया गया है। ये सब अपने ढंग से चीजों को चलाते हैं।”
बता दें कि बिहार के दरभंगा में भाजप प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की उदारता का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही बैठक में आगामी लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने रणनीति बैठक में तैयार की। इसके अलावा इस बैठक में नीतीश कुमार को भविष्य में बीजेपी कभी भी अपने साथ नही लेगी इसका भी निर्णय लिया गया। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पिछले साल बीजेपी से गठबंधन खत्म कर राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर नई सरकार बना ली थी।