आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सामायोजन रद्द होने के बाद से परेशान चल रहे शिक्षामित्रों की भूख हड़ताल बुधवार को पांचवें दिन भी ईको गार्डेन में जारी रही। आम शिक्षक/शिक्षामित्र एसोसिएशन के बैनर तले चल रही शिक्षामित्रों की भूख हड़ताल के दौरान प्रदर्शनकारियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को उठाते हुए आगे भी प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया।
एसोसिएशन की अध्यक्ष उमा देवी ने कहा कि योगी सरकार हम लोगों की लगातार अनदेखी कर रही है, जबकि तंगहाली और अवसाद की जिंदगी जी रहे शिक्षामित्रों की जानें जा रही। उमा देवी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार शिक्षामित्रों को दस हजार रुपए का मानदेय देकर स्कूलों में शिक्षण कार्य लेने को तैयार है, लेकिन 39 हजार देने के नाम पर यही शिक्षामित्र अयोग्य हो जा रहे हैं। ये सरकार की दोहरी नीति है जिसे समाप्त कर शिक्षामित्रों को पहले की तरह ही वेतन दिया जाना चाहिए, जिससे कि वह अपना व परिवार का जीवन यापन कर सकें।
आम शिक्षक/शिक्षामित्र एसोसिएशन की प्रमुख मांगें-
- आरटीआइ एक्ट 2009 के तहत 12400 पैरा टीचरों को अपग्रेड करते हुए पूर्ण शिक्षक का दर्जा और यूपी बेसिक शिक्षा नियामवली के अनुसार वेतन दिया जाए।
- साथ ही आरटीआइ एक्ट 2009 के किसी प्रावधान के तहत सामायोजित नहीं होने वाले शिक्षामित्रों के लिए उत्तराखण्ड मॉडल अपनाते हुए उन्हें टेट पास करने के लिए चार साल का समय दिया मिले।
- टेट पास शिक्षामित्रों को बिना लिखित परीक्षा के उम्र और अनुभव का भरांक देकर नियमित किया जाए।
- असमायोजित शिक्षामित्रों के लिए बिहार मॉडल अपनाते हुए समान कार्य-समान वेतन दिया जाए।
- समायोजन रद्द होने के बाद जान गंवाने वाले सैकड़ों शिक्षामित्रों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दी जाए।
पांचवें दिन भूख हड़ताल पर बैठने वालों में ये रहें शामिल-
अंबिका तिवारी, अर्चना तिवारी, राजीव यादव, प्रमोद मणि त्रिपाठी, सुधा देवी, संजीव यादव, राजेश त्रिपाठी, राजरानी देवी व डिम्पल यादव। साथ ही इनके समर्थन में एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारी और प्रदेश के विभिन्न शहरों से ईको गार्डेन पहुंचें हजारों शिक्षामित्र मौजूद रहें।
यह भी पढ़ें- चार दिन में दूसरी बार शिक्षामित्रों से मिले योगी, जागी उम्मीद, जानें क्या हुई बात