आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। शिक्षामित्रों का संघर्ष धीरे-धीरे रंग लाने लगा है। योगी सरकार शिक्षामित्रों को स्कूल खुलने से पहले खुशखबरी दे सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार दोपहर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से अपने कार्यालय में मुलाकात कर इस बात को कुछ हद तक पुख्ता कर दिया।
आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से चार दिन में दो बार हुई वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के साथ ही शिक्षामित्रों की आजीविका सुरक्षित करने का प्रत्यावेदन परीक्षण कराने का निर्णय लिया है।
ये जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने बताया कि उक्त प्रत्यावेदन में एसोसिएशन ने अतिरिक्त या गैर शैक्षणिक संवर्ग सृजित कर स्थाई नियुक्ति, समान कार्य-समान वेतन व टीईटी से छूट में कोई भी विकल्प मांगा है।
मृतक आश्रितों को नौकरी और मुकदमा हटाए जाने की भी उठी मांग
इसके साथ ही अवसाद में मृत सैकड़ों शिक्षामित्रों के परिजनों को नौकरी देने व बनारस सहित विभिन्न जिलों में दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने की मांग रखी है। मुख्यमंत्री से विकल्पों पर विचार कर निर्णय लेने साथ ही कार्यक्रम की अनुमति भी मांगी गई।
जितेंद्र शाही ने आगे बताया कि सीएम कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव से प्रस्ताव परीक्षण कर 15 दिन में आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उधर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी एसोसिशन के पत्र पर आवश्यक कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव को लिखा है। यहां बताते चलें कि बीते छह जून को भी शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था।
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मुलाकात के दौरान ये रहें मौजूद
आज मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही के अलावा संगठन के महामंत्री विश्वनाथ सिंह कुशवाहा, मंत्री अवनीश सिंह, गदाधर दुबे, उमेश पांडेय, रीना सिंह, समीक्षा रस्तोगी शामिल थीं।
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