आरयू वेब टीम।
शंघाई को-ऑपरेशन संघटन (एससीओ) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवाज शरीफ के साथ अनौपचारिक बातचीत के बाद भारत ने आज 11 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर बाघा बॉर्डर से उनके देश वापस भेज दिया है। वहीं दूसरी ओर पाक ने आज सुबह सीजफायर का उल्लंधन कर सीमा पर मोर्टार दागे। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने इस कदम को भारत की सद्भावना का प्रतीक माना रहे हैं। तो दूसरी ओर सरकार अपने इस कदम से विपक्ष की आलोचनाओं से घिर गई है।
बता दें कि पाकिस्तान ने इन सभी कैदियों की सजा पूरी होने का हवाला देकर इनकी रिहाई की मांग की थी। पाक बेरुखे रवैये, बार-बार सीजफायर का उल्लंघन और हाल में कुलभूषण जाधव मामले में तनातनी के बाद भी भारत की तरफ से यह पहला बड़ा कदम है, जिसमें पाक के 11 कैदियों को रिहा कर दिया गया है। भारत की इस पहल के बाद भी पाक ने अपनी नापाक हरकत पर लगाम नहीं लगाई।
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बल्कि आज सुबह करीब 6 बजे पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार फायरिंग की गई। पड़ोसी मुल्क ने नौशेरा सेक्टर और कृष्णा घाटी में सीजफायर का उल्लंघन कर मोर्टार दागे। मीडिया में आई रिपोर्ट में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता के अनुसार 1 जून के बाद से ये पाक सेना द्वारा नौवीं बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया जबकि पिछले 72 घंटों में ये छठवीं बार पाक ने संघर्षविराम तोड़ा है।
भारती सेना ने इसका मुंह तोड़ जवाब दिया, जिसके बाद बौखलाए पाक ने भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब कर आरोप लगाया कि भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई से उसके दो नागरिक मारे गए हैं।
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इस संबंध में भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मानवीयता के आधार पर इन कैदियों की रिहाई करने का फैसला लिया गया। जिसके बाद भारत सरकार को आशा है कि पाकिस्तान भी ऐसे भारतीय कैदियों को रिहा कर देगा जिनकी वहां सजा पूरी हो चुकी है।
सरकारी आंकड़ों की माने तो पाकिस्तानी जेलों में 132 भारतीय कैदी हैं। इनमें से 57 अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। वहीं पाक के लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन और गोलीबारी को देखते हुए विपक्ष में सरकार के इस फैसले की आलोचनाएं शुरु हो गयी हैं।