आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पेपर लीक केस को लेकर रविवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए परीक्षा की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है।
सपा अध्यक्ष ने आज अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि यूपी लोकसेवा आयोग द्वारा साल 2017 से अब तक कराई गयी परीक्षाओं की सीबीआइ जांच कराई जाए। साथ ही परीक्षा नियंत्रक के कार्यकाल की सभी परीक्षाएं निरस्त हो, घोटाले के दोषी सभी अधिकारी बर्खास्त किए जाए तथा प्रिंटिंग प्रेस व अन्य संवेदनशील कार्य भी यूपीएससी के अधीन हों।
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बूट पॉलिस की तो बौखलाकर पुलिस-प्रशासन ने बरसाई लाठियां
भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए अखिलेश ने कहा कि योग सरकार अपनी गलतियों की सजा युवाओं को दे रही है, आज युवाओं ने प्रयागराज के सुभाष चौक पर जब आयोग की धांधलियों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते हुए बूट पॉलिस की तो पुलिस-प्रशासन ने बौखलाकर उन पर लाठियां बरसाई और कई युवाओं को हिरासत में ले लिया। बेरोजगारी से तंग नौजवान भीख मांगने तक को मजबूर हो रहें हैं, लेकिन अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर भी लाठियां चलाकर अपनी बर्बर मानसिकता का प्रदर्शन कर रही है। लोकतंत्र में मनमानी, अन्याय और अत्याचार के लिए कोई जगह नहीं है।
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लोकसभा चुनाव के नतीजों से शायद भ्रम हो गया
साथ ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था, मंहगाई व हाल ही में हुई जहरीली शराब कांड को लेकर भी आज योगी सरकार को निशाने पर लिया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश की जनता पर अपनी मनमानी थोपना चाहती है। उसे लोकसभा चुनाव के नतीजों से शायद भ्रम हो गया है कि वे जनता पर चाहे जितनी महंगाई थोप दें, शराब तस्करों को लोगों की जानें लेने की छूट दे दें, संविधान प्रदत्त अधिकारों पर भी बंदिश लगा लें जनता कुछ नहीं बोलेगी। लेकिन वे यह न भूले कि ‘‘जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करती है।‘‘ उत्पीड़न और नफरत की राजनीति के दिनों की ज्यादा उम्र नहीं होती है।